पाकिस्तान से युद्ध नहीं होगा, हमारी सेना पर सही विश्वास: मोदी

नई दिल्ली: उरी हमले के बाद देश में आक्रोश की लहर पैदा हुई है और 1965 के युद्ध के समय भी ऐसा ही गंभीर नाराज़गी देखी गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवादी हमले के लिए जो लोग जिम्मेदार हैं उन्हें वास्तव सख्त सजा दी जाएगी। उन्होंने सेना के बारे में कहा कि हमारी सेना पर हम सही विश्वास है वह बोलती नहीं बल्कि बहादुरी का प्रदर्शन करती है। पाकिस्तान के साथ युद्ध की संभावना पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं होगा इसका वैकल्पिक मार्ग अपनाया जाएगा। उन्होंने कश्मीर की जनता को एक सन्देश भेज दिया कि शांति, एकता और भाईचारा भी समस्याओं को हल किया जा सकता है। कश्मीर घाटी में पिछले दो महीने से अशांति फैली हुई है। यहाँ के सभी मुद्दों को केवल बातचीत के जरिए ही हल किया जा सकता है।

अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ” मन की बात ” उन्होंने / 18 सितंबर को उरी आतंकवाद में मारे गए 18 सैनिकों को श्रद्धांजलि पेश किया और कहा कि इस कायरतापूर्ण कार्रवाई ने पूरे देश को आघात का सामना किया है। देश में आक्रोश पाया जाता है। उन्होंने कहा कि यह नुकसान केवल उन परिवारों के लिए नुकसान नहीं है जो अपने बेटे, भाई और पति खोया है। यह नुकसान पूरे देश का नुकसान है। इसलिए आज मैं कहता हूँ कि इस हमले के दिन कहा था। आज भी अपने शब्दों को दोहराता हूँ और कहा कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।

भारतीय सेना पर विश्वास का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सेना ने अपनी हिम्मत और बहादुरी के द्वारा ऐसे सभी परियोजनाओं को नाकाम किया है। यह भारतीय सेना की इस बहादुरी की वजह से देश के 125 करोड़ जनता शांत जीवन गुज़ारसकते हैं। हम अपनी सेना पर गर्व है। जनता और नेताओं को बोलने का मौका मिल जाता है इसलिए ये लोग सब कुछ कहते हैं लेकिन सेना कहती नहीं है बल्कि अपनी बहादुरी का प्रदर्शन करती है। उन्होंने 11 वीं कक्षा के एक छात्र के पयाम को पढ़ को सुनाया जिसने उरी घटना पर अपनी नाराज़गी जताई थी और इसके जवाब में कुछ करने की इच्छा जताई थी। इस पर काफी विचार के बाद उसने फैसला किया कि वह हर दिन अधिक 3 घंटे अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया जाएगा और अपने देश के पक्ष में सेवा करने के लिए खुद को तैयार करेगा।

इस बच्चे की ” ‘अच्छी सोच’ का सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की जनता के अंदर नाराज़गी आक्रोश की बेहद मूल्यवान है। यही देश की जागरूकता का प्रतीक है। इस नाराज़गी के साथ ही कुछ करने की भावना ही राष्ट्र को और भी मजबूत बनाता है। जब 1965 के युद्ध (पाकिस्तान के साथ) हो रही थी हर युवा के अंदर यही जुनून था। इस युद्ध के समय लाल बहादुर शास्त्री देश का नेतृत्व कर रहे थे। इस समय में जनता में ऐसे ही भावनाओं, भावनाएं पाए जाते थे। यह जुनून राष्ट्रवाद को बढ़ावा देता है और हर कोई देश के लिए कुछ करने की सोच रखते है।

1965 के युद्ध के समय लाल बहादुर शास्त्री जी ने ही इस दुनिया के सामने अपनी भावनाओं का शानदार प्रदर्शन किया था और जय जवान, जय किसान का नारा दिया था कि आम आदमी को देश के लिए काम करने की भावना प्रदान करता है। अपनी 35 मिनट प्रसारण भाषण में प्रधानमंत्री ने खासकर कश्मीरी जनता से बात करने की इच्छा जताई और कहा कि कश्मीरी जनता अब देशद्रोही तत्वों को समझने लगे हैं। और वे उन लोगों दुश्मनों को विफल भी बनाते जा रहे हैं। जनता ने इस तरह की ताकतों से खुद को दूर रख कर शांति की राह पर चलना शुरू किया है।

कश्मीर के किसान भी अपनी वस्तुओं को देश की मारकों को पहुंचाना चाहते हैं। यहां की आर्थिक गतिविधियों उचित तरीके से जारी रखने के इच्छुक हैं। पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में वाणिज्यिक गतिविधियां शुरू हुई हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि कश्मीर की आम जनता की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है और ला एंड आर्डर की अवधारण को सुनिश्चित बनाया जाएगा। कश्मीरियों में विश्वास बहाल करने की हर मुमकिन‌ कोशिश की जाएगी।