पेशावर : पाकिस्तान में पिछले 64 सालों से बंद पड़े भाई बीबा सिंह गुरुद्वारा को खोल दिया गया है। बंटवारे के बाद से इस 300 साल पुराने गुरुद्वारा को बंद कर दिया गया था। Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये
पेशावर के जोगीवारा में स्थित गुरुद्वारा के बारे में कहा जाता है कि इसे सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह के भाई बीबा सिंह ने बनवाया था। बुधवार को एक सेरेमनी में इवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) ने गुरद्वारे को ऑफिशियली सिख कम्युनिटी को सौंप दिया। इस गुरुद्वारे के बंद होने के तीन दशक पहले तक यहां सिख समुदाय अपना मत्था टेकता रहा है। लेकिन 1947 में हुए बंटवारे के बाद सिख परिवार भारत के अलावा रावलपिंडी, हसन अब्दल व खैबर जैसे इलाकों में चले गए थे। इसके बाद जब यहां लोगों का आना बंद हो गया, तो धर्म संबंधी विभाग ने इसे अपने कस्टडी में लेकर बंद कर दिया। इस पुनः खोले जाने से पहले इसके रेनोवेशन में 8.5 लाख रुपए खर्च किए गए। इसके रेनोवेशन का काम 2013 से ही चल रहा था।
पेशावर में रहने वाले सिख समुदाय ने गुरुद्वारा के खुलने पर खुशी जताई। समुदाय के चेयरपर्सन रादेश सिंह ने बताया कि यहां दो गुरुद्वारे है, जिसमें से एक में आर्मी ने बेसकैंप बना लिया और इसके बाद एक ही गुरुद्वारे में 1200 लोगों का जाना मुमकिन नहीं था। अल्पसंख्यक मंत्री सरदार सारेन सिंह ने तीन लाख रुपए का फंड दिया है। उन्होने कहा कि गुरुद्वारे का दोबारा खोले जाने का फैसला पाकिस्तान में इकबाल और मोहम्मद अली जिन्ना के विजन को दिखाता है। यह भी माना जाता है कि इसे सिख महाराजा रणजीत सिंह ने बनवाया था। उन्होंने पंजाब पर 1780 से 1839 तक हुकूमत की थी।