इस्लामाबाद: पाकिस्तान सरकार ने बहुप्रतीक्षित हिंदू मैरिज बिल 2016 मंजूरी दे दी है। सोमवार को सीनेट की एक समिति ने इस ऐतिहासिक मसौदा विधेयक को मंजूरी दी। संसद के ऊपरी सदन सीनेट में पारित होने के बाद यह विधेयक कानून अब बन जाएगा।
इससे पहले सिंतबर महीने में पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में हिंदू मैरिज बिल 2016 को पास किया गया था। इसके बाद इस बिल के आगे बढ़ने का रास्ता खुला। उसके बाद सीनेट कमेटी अध्यक्ष मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट के सीनेटर नसरीन जलील ने इस बिल पर चर्चा को आगे बढ़ाया।
नेशनल एसेंबली में अल्पसंख्यक सदस्य डॉक्टर रमेश कुमार वांकवानी ने इस बिल को पाकिस्तानी हिंदूओं के लिए नए साल का तोहफा करार दिया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तानी हिंदू इस बिल के पास होने के बाद काफी गर्व महसूस कर रहे हैं। अब हिंदूओं के पास भी अपनी शादी को रजिस्टर कराने का मौका होगा। साथ ही वह फैमिली लॉ के तहत तलाक के लिए भी अप्लाई कर सकेंगे।
यह विधेयक पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं के लिए एक व्यापक और स्वीकार्य पारिवारिक कानून माना जा रहा है। इस विधेयक के मुताबिक, मुसलमानों की निकाहनामा की तरह ही हिंदुओं को भी अपने शादी के प्रमाण का दस्तावेज मिलेगा, जिसे ‘शादीपरात’ कहा जाएगा। साथ-ही-साथ तलाकशुदा हिंदुओं को फिर से शादी करने की भी इजाजत मिलेगी।