पाकीज़ा शराब के हक़दार कौन

उनके ऊपर लिबास होगा बारीक सब्ज़ रेशम का (बना हुआ) और इत्लस ( कीमती कपड़े) का और उन्हें चांदी के कंगन पहनाए जाएंगे और पिलाएगा उन्हें इनका परवरदिगार निहायत पाकीज़ा शराब। (उन्हें कहा जाएगा) ये तुम्हारा सिला है और (मुबारक हो) तुम्हारी कोशिशें मक़बूल हुईं। (सूरतुल दहर: २१,२२)

उन्हें चांदी के कंगन पहनाए गए होंगे क़ुरआन-ए-पाक में एक मुक़ाम पर पहले गुज़र चुका है कि उन्होंने सोने के कंगन पहन रखे हैं। इन में ततबीक़ यूं हो सकती है कि उन के पास सोने और चांदी के बने हुए कंगन होंगे। जब इनका जी चाहेगा सोने के और जब जी चाहेगा चांदी के कंगन पहन लेंगे, या उन्होंने दोनों किस्म के कंगन पहन रखे होंगे।

दो किस्म की शराबों का ज़िक्र पहले हो चुका है, एक वो जिस में काफ़ूर के चश्मे का पानी मिला होगा, दूसरी वो जिस में ज़नजबील के चश्मों का पानी मिला होगा, अब तीसरी किस्म की शराब का ज़िक्र है, लेकिन इस में दो ऐसी ख़ुसूसीयतें हैं, जो पहली दो किस्मों में नहीं पाई जातीं।

इस शराब को शराब तहव्वुर कहा गया है। नीज़ उसको पिलाने वाला ख़ुद रब्बुल आलमीन है। इसीलिए हज़रत याक़ूब चर्ख़ी रह० लिखते हैं कि साबक़ीन और मुक़र्रबीन को अल्लाह तआला अपने अर्श के नीचे से शराब तहव्वुर के भरे हुए प्याले बिलाबास्ता पिलाएगा। दरमियानी दर्जे वालों को फ़रिश्ते पिलाऐंगे और आम लोगों के साक़ी ग़िलमान होंगे। जब वो बहिश्त की शराब को पियेंगे तो अल्लाह तआला की मुहब्बत में मस्त हो जाएंगे, पर्दों को उलट देंगे, हक़ तआला का दीदार करेंगे और अर्ज़ करेंगे इलही! हमें भी ये नेअमतें अता फ़र्मा और अपने करम से मुक़र्रबीन में दाख़िल फ़र्मा।