पाकिस्तान और अफ़्ग़ानिस्तान की सेक्युरिटी फ़ोर्सेस के माबैन झड़पों और उनमें मुबैयना तौर पर अफ़्ग़ान सरहदी पुलिस के आठ अहलकारों की हलाकत की वज़ाहत के लिए काबुल हुकूमत ने अफ़्ग़ानिस्तान मुतैयना पाकिस्तानी सफ़ीर को तलब कर लिया।
काबुल से मौसूला न्यूज़ एजेंसी रुइटर्स की रिपोर्टों में कल बुध 19 अगस्त के रोज़ बताया गया कि अफ़्ग़ानिस्तान में तालिबान के खूँरेज़ हमलों में हालिया तेज़ी के बाद दोनों हमसाया रियास्तों के बाहमी ताल्लुक़ात में जो कड़वाहट पाया जाता है, इस के तनाज़ुर में हालिया सरहदी झड़पें दोनों मुल्कों के ताल्लुक़ात को लगने वाले नए धचके का सबूत हैं।
रुइटर्स ने लिखा है कि पाकिस्तान और अफ़्ग़ानिस्तान दोनों ही को अपनी अपनी सरज़मीन पर तालिबान की खूँरेज़ कार्यवाईयों का सामना है और इस सिलसिले में इस्लामाबाद का काबुल हुकूमत के साथ तआवुन अफ़्ग़ानिस्तान में क़ियाम अमन के लिए बहुत अहम समझा जाता है.
क्योंकि पाकिस्तान के बारे में उमूमी तास्सुर ये है कि उसे अफ़्ग़ान तालिबान और उनके इत्तिहादी अस्करीयत पसंदों में अच्छा ख़ासा असरो रसूख़ हासिल है।