लांबा ने बताया कि चीनी वाणिज्यिक कंपनियों ने ग्वादर में बहुमत में हिस्सेदारी हासिल कर ली है। यह एक वाणिज्यिक बंदरगाह है और चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का हिस्सा है। मैंने पासनी से पनडुब्बी संचालन के बारे में नहीं सुना है। उन्होंने यह भी कहा कि चीनी पीएलए नौसेना के आठ जहाजों किसी भी समय हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूद हैं। यहां 2008 में जहाजों की तैनाती शुरू हुई थी।
उन्होंने बताया, ‘अगस्त के महीने में अनोखी स्थिति थी, क्योंकि इस क्षेत्र में 14 जहाज़ थे।’ भारतीय नौसेना वहां भी तैनात पीएलए पनडुब्बियों की निगरानी करती है। पीएलए नौसेना ने 2013 में इन पनडुब्बियों की तैनाती शुरू कर दी थी। यहां दो पनडुब्बियां तैनात हैं, जो हर तीन महीने में बदलती हैं। इस पैटर्न में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हम उनकी तैनाती की निगरानी करते हैं। हर 24 घंटे या 48 घंटे में इनकी निगरानी के लिए एक विमान जाता है।