पाक ने क्रिकेट को दी नई टेक्नोलॉजी, संदिग्ध बॉलिंग एक्शन को पकड़ेगी

दिल्ली : पहली बार पाकिस्तान का नाम किसी अच्छे काम के लिए सामने आ रहा है। वहां के तीन इंजीनियर लड़कों ने ऐसी टेक्नोलॉजी सामने लाई है जो संदिग्ध बॉलिंग एक्शन को पकड़ेगी। संदिग्ध बॉलिंग एक्शन की वजह से अब तक कई बॉलर्स पर बैन लग चुका है। इस वजह से कई बॉलर्स का कॅरिअर खतरे में पड़ चुका है। श्रीलंका के महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन पर भी इसकी वजह से खतरे के बादल मंडरा चुके हैं।

– खराब बॉलिंग एक्शन (बॉल चकिंग) को पकड़ना भी आसान नहीं होता।
– इस वजह से कई बार मैचों के रिजल्ट पर भी असर पड़ता है।
– क्रिकफ्लेक्स नाम की ये डिवाइस बॉलर के हाथ पर पहना दी जाती है।
– और रियल टाइम में सही और गलत एक्शन का पता चल जाता है।
– क्रिकइंफो के अनुसार, इन इंजीनियरों ने ड्राई फिट मटेरियल की जेनेरिक स्लीव बनाई है।
– इस स्लीव में सिक्के के आकार की यह डिवाइस फिट है। इसमें बॉलिंग एक्शन का पता करने के लिए खास सेंसर लगे हुए हैं।

इसे एक एेप की मदद से अटैच किया गया है। इस एेप पर बॉलिंग एक्शन की पूरी जानकारी मिल जाएगी। बॉलर को एक्शन पता करने के लिए इस स्लीव को पहनना होगा।
इसके सेंसर यह डाटा बताएंगे कि बॉलिंग करते समय कोहनी कितने डिग्री तक मुड़ रही है। यदि बॉलर की कोहनी 15 डिग्री से ज्यादा मुड़ रही है, तो यह जानने में आसानी रहेगी कि कहीं वह चकिंग तो नहीं कर रहा।

आईसीसी के नियमों के अनुसार, अगर बॉलर की कोहनी 15 डिग्री से ज्यादा मुड़ रही है, तो उसे बॉलिंग करने से रोका जा सकता है। ‘क्रिकफ्लेक्स’ के सीईओ अब्दुल्ला अहमद ने क्रिकइंफो से बात करते हुए बताया, ‘यह डिवाइस बहुत ही सस्ती और जल्दी परिणाम देने वाली है। अभी अंपायर को बॉल चकिंग की जांच करने में समय लगता है।
बायोमैकेनिक्स लैब की मदद से एक्शन जांचने की प्रक्रिया महंगी और लंबी है। लैब की रिपोर्ट की 15-20 दिन में आ पाती है। जबकि हमारी डिवाइस रियल टाइम में एक्शन बता देगी। इसका खर्च भी 300 डॉलर (20 हजार रुपए) ही है। कम कीमत होने के कारण यह ग्रासरूट लेवल के बॉलर्स के लिए उपयोगी रहेगी।