पानीपत: पानीपत बस स्टैंड धमाका केस में आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने बरी कर दिया है. उनपर लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठन से ताल्लुक रखने और उस पर भारत में 40 से ज्यादा बम धमाका करने का आरोप था.
पानीपत में 1 फरवरी 1997 को बस स्टैंड के पास एक प्राइवेट बस में धमाका हुआ था. इस धमाके में करीब 13 लोग बुरी तरह से घायल हो गए थे. इसमें से एक की मौत हो गई थी. इस ब्लास्ट केस में अब्दुल करीम टुंडा को आरोपी बनाया गया था.
वन इण्डिया के ख़बरों के अनुसार, कोर्ट में पेश किए जाने से एक दिन पहले करनाल जेल में दो कैदियों ने टुंडा पर जानलेवा हमला किया था और गला दबाकर उसे मारने की कोशिश की थी. सुरक्षा गार्ड ने टुंडा की जान बचाई.
अब्दुल करीम टुंडा को करनाल जेल भेज दिया गया है. उस पर सोनीपत में 1996 में हुए दो बम धमाकों के सिलसिले में मुकदमा चल रहा है. वहां उसकी कोर्ट में पेशी होगी.
उस पर आरोप है कि वह देसी तकनीक से बम बनाना सिखाता था. लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों में उसकी भारी डिमांड थी, वह 1985 में आईएसआई से ट्रेनिंग ले चुका था.
टुंडा का जन्म पुरानी दिल्ली में 1943 में हुआ था. बाद में उसके पिता ने पुरानी दिल्ली छोड़ दी और पिलखुवा में जाकर बस गए. दिल्ली में उस पर पहला केस चोरी का दर्ज हुआ था. दिल्ली, गाजियाबाद समेत देश के कई इलाकों में उस पर कई केस दर्ज हैं.