पानी की तक़सीम पर मर्कज़ को तेलंगाना की दरख़ास्त

हुकूमत कर्नाटक ने पानी की तक़सीम के लिए कृष्णा ट्रब्यूनल की दुबारा तशकील के सवाल पर हुकूमत तेलंगाना की तारफ से मर्कज़ को रस्मी दरख़ास्त दिए जाने के बाद एहतियाती तदाबीर पर तबादला-ए-ख़्याल किया।

मर्कज़ी वज़ीर आबी वसाइल एमवी पाटल ने कहा कि कर्नाटक के चीफ़ मिनिस्टर सदा रामिया ने हुकूमत तेलंगाना की दरख़ास्त के पेशे नज़र एहतियाती इक़दामात पर ग़ौर-ओ-ख़ौज़ के मक़सद से क़ानूनी माहिरीन और प्रिंसिपल अडवाईज़र ( आबी वसाइल) एक मीटिंग तलब किया।

हुकूमत तेलंगाना के एक वफ़द ने 14 जुलाई को मर्कज़ी वज़ीर आबी वसाइल ओमा भारती से मुलाक़ात की थी और चार रियासतों तेलंगाना कर्नाटक महाराष्ट्रा और आंध्र प्रदेश के दरमयान दरयाए कृष्णा के पानी की अज़सर-ए-नौ तख़सीस को यक़ीनी बनाने के लिए ट्रब्यूनल की तंज़ीम जदीद की दरख़ास्त की थी।

कृष्णा आबी तनाज़ा ट्रब्यूनल की तारफ़ से कर्नाटक के चीफ़ सेक्रेटरी कोशक के नाम नोटिस जारी करते हुए इस मसले पर मौक़िफ़ की वज़ाहत करने की हिदायत के बाद सदा रामिया ने ये मीटिंग तलब किया था।

एमवी पाटल ने कर्नाटक के मौक़िफ़ की वज़ाहत करते हुए कहा कि आबी तनाज़आत के मुताल्लिक़ ट्रब्यूनल की तरफ़ से किए गए क़तई फ़ैसले में किसी तबदीली का कोई सवाल ही पैदा नहीं होसकता। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ़ तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के दरमयान का मसला है जिस से कर्नाटक का कोई ताल्लुक़ नहीं है।