पायलट अभिनंदन की बहादुरी का कायल हुआ पाकिस्तान, चश्मदीद ने बयां की पूरी कहानी

विंग कमांडर अभिनंदन ने अपने फाइटर जेट से बाहर निकलने के बाद पाकिस्तानी धरती पर उतरने पर देशभक्ति के नारे लगाए, हवा में फायरिंग की और दस्तावेजों को अपने मुंह में डाल लिया. यह जानकारी सीमा पार के एक गांव के मुखिया ने दी. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने देश की संसद में भारतीय वायु सेना के पायलट को शुक्रवार को रिहा करने की घोषणा की. अभिनंदन बुधवार को पाकिस्तान द्वारा कब्जा में लिए जाने के बाद से ही वैश्विक चर्चा के केंद्र में हैं. पाकिस्तान में होर्रान गांव के मुखिया मोहम्मद रज्जाक चौधरी ने अभिनंदन को पकड़े जाने के नाटकीय घटनाक्रमों को बयां करते हुए बीबीसी को बताया कि जब उन्होंने मिग 21 विमान को दुर्घटनाग्रस्त होकर मैदान में गिरते हुए देखा तो वह अन्य ग्रामीणों के साथ घटनास्थल की ओर दौड़े.

 

चौधरी ने कहा कि वहां उतरने पर उनका पहला सवाल था कि क्या वह भारत में हैं. उन्होंने कहा कि पायलट पर पत्थर फेंके गए थे और भागते समय उनके पैर में गोली भी मारी गई थी. चौधरी ने कहा, ‘‘मेरा उद्देश्य पायलट को जिंदा पकड़ना था. मैंने उनके पैराशूट पर भारतीय झंडा देखा था और जानता था कि वह भारतीय हैं.’’ 58 वर्षीय प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, अभिनंदन ने कुछ ग्रामीणों से पूछा कि क्या वह भारत में हैं, और ग्रामीणों ने एक सकारात्मक प्रतिक्रिया के साथ उन्हें धोखा दिया. इसने पायलट को भारत के बारे में देशभक्तिपूर्ण नारे लगाने के लिए प्रेरित किया. हालांकि, वह सदमे में थे.

उनके आस-पास मौजूद लड़कों ने जवाब में कहा, ‘पाकिस्तान जिंदाबाद.’ चौधरी ने बीबीसी को बताया कि अभिनंदन ने फिर अपनी बंदूक निकाली और उन्हें डराने के लिए हवा में फायर किया. इस कदम के बाद तनातनी और बढ़ गई और ग्रामीणों ने अभिनंदन पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. इसके बाद वह भागने की कोशिश करने लगे. चौधरी ने कहा, ‘‘लोगों ने उनका पीछा किया जब तक कि वह एक जलाशय में गिर नहीं गये और मेरे एक भतीजे ने उनके पैर में गोली मार दी.’’ पायलट को अपनी पिस्तौल नीचे गिराने के लिए कहा गया और किसी अन्य हथियार का उपयोग करने से रोकने के लिए एक ग्रामीण ने उन्हें दबोच लिया.

बीबीसी ने बताया कि पायलट ने अपने पास मौजूद दस्तावेजों को मुंह में डालकर उन्हें नष्ट करने का प्रयास किया. हालांकि, ग्रामीणों ने कुछ कागजात हासिल करने में कामयाबी हासिल की, जिसे बाद में सेना को सौंप दिया गया. अभिनंदन को गुस्साई भीड़ ने तब तक पीटा जब तक कि पाकिस्तानी सेना उनके बचाव में नहीं आई. चौधरी ने कहा, ‘‘हमारे लड़के गुस्से में थे और उन्हें थप्पड़ और मुक्का मारा. हालांकि, उनमें से कुछ ने हमलावरों को रोकने की कोशिश की. मैंने भी उनसे उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाने को कहा. सेना के अधिकारियों के आने तक उन्हें अकेला छोड़ देने को कहा.’’ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री खान ने उन्हें रिहा करने के फैसले को शांति की पहल बताया है