पार्लियामानी कमेटी की चीनी दरअंदाज़ी की तफ़सीलात तलबी

नई दिल्ली 26 अप्रैल (पी टी आई) चीन के साथ सफ़ आराई जारी रहने पर पार्लियामानी कमेटी के बी जे पी अरकान ने मुतालिबा किया कि वज़ारत-ए-दिफ़ा के ओहदेदार और फ़ौज को तलब किया जाना चाहीए ताकि दुरुस्त सूरत-ए-हाल और हुकूमत की जानिब से इस पर कार्रवाई की तफ़सीलात का इलम होसके।

पारलीमानी मजलिस क़ायमा बराए दिफ़ा के अरकान मुख़तार अब्बास नक़वी और प्रकाश जावडेकर ने सदर नशीन राज बब्बर को मुक्तो बात तहरीर करते हुए मुतालिबा किया कि कल मुक़र्रर इजलास में वज़ारत-ए-दिफ़ा और फ़ौज के ओहदेदारों को तलब किया जाये। एक मुशतर्का खत‌ में उन्होंने कहा कि लद्दाख में सूरत-ए-हाल इंतिहाई संगीन है और वज़ारत-ए-दिफ़ा और फ़ौज को चाहीए कि दौलत बैग सैक्टर में चीनी फ़ौजीयों के दाख़िला और वहां कैंप करने की तफ़सीलात का इन्किशाफ़ करे।

दोनों अरकान ने कहा कि ये आजलाना मसला इजलास के एजंडे में शामिल किया जाना चाहीए। मुख़तार अब्बास नक़वी ने कहा कि वो चाहते हैं कि वज़ारत-ए-दिफ़ा और फ़ौज के ओहदेदारों को तलब किया जाये ताकि जम्मू-ओ-कश्मीर के इलाक़े लद्दाख में तबदीलीयों के बारे में क़ौम की तशवीश का अज़ाला किया जा सके।

उन्होंने कहा कि सूरत-ए-हाल वाज़िह नहीं है। कमेटी को तबदीलीयों से वाक़िफ़ करवाना चाहीए। चीनी फ़ौजी हिन्दुस्तानी सरज़मीन में तक़रीबन 10 किलो मीटर अंदर तक दाख़िल होचुके हैं और 2 पर्चम इजलास मुनाक़िद होने के बावजूद तख़लिया से इनकार कररहे हैं। उन्हों ने कहा कि लद्दाख के इलाक़े में चीन की दरअंदाज़ी एक संगीन मसला है लेकिन हुकूमत इस बारे में संजीदा नहीं है।

सरहदी सूरत-ए-हाल पर अवाम बरहम हैं। प्रकाश जावडेकर ने कहा कि हम पार्लियामानी मजलिस क़ायम बराए दिफ़ा के अरकान एक मकतूब सदर नशीन कमेटी को रवाना करचुके हैं क्योंकि कल इस का इजलास मुक़र्रर है। उन्होंने कहा कि चीनी दरअंदाज़ी का वाक़िया पेश आए 15 दिन गुज़र चुके हैं लेकिन साबिक़ा हालत हनूज़ बहाल नहीं की गई। यही वजह है कि हम इजलास में इस पर तबादला-ए-ख़्याल करना चाहते हैं।