शिमला 25 मई ( पी टी आई ) क़ानूनसाज़ी की कार्रवाई के बार बार ख़लल अंदाज़ियों और इजलास के अलतवा की बिना पर मुतास्सिर होने की शिकायत करते हुए सदर जम्हूरीया प्रणब मुखर्जी ने आज सियासी इंतेज़ामीया से ख़ाहिश की कि इस मसले का हल तलाश किया जाये ।
उन्होंने कहा कि जब पार्लियामेंट के दोनों ऐवानों और रियास्ती असेम्बलीयों और कौंसिलों की कार्यवाईयों में बार बार ख़ललअंदाज़ी की जाती है और किसी कार्रवाई के बगै़र इजलास मुल्तवी कर दिया जाता है तो मुझे सख़्त रंज होता है ।
हिमाचल प्रदेश रियास्ती असेम्बली की जश्न ज़रीं तक़ारीब से ख़िताब करते हुए सदर जम्हूरीया ने कहा कि आज कल मुक़न्निना इदारों की कार्रवाई में एक नया लफ़्ज़ शामिल हो गया है ।
पहले ये कार्यवाहीयां मुबाहिस ,नाराज़गी और फ़ैसलों पर मुश्तमिल होती थी लेकिन अब इन में ख़ललअंदाज़ी भी शामिल हो गई है । उन्होंने कहा कि सियासी इल्म में पार्लिमानी जम्हूरीयत की कार्रवाई में ख़लल अंदाज़ी का तज़किरा कहीं नहीं मिलता ।
उन्होंने इन मुट्ठी भर अफ़राद की मज़म्मत की जो अपनी मर्ज़ी मुसल्लत करने के लिए ऐसा कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि ऐवान की कार्रवाई में बार बार ख़ललअंदाज़ी की वजह से फाईनानस बिल्स पर जो मुल्क के लिए इंतेहाई अहम होते हैं मुनासिब मुबाहिस और तबादले ख़्याल भी मुतास्सिर हो रहा है ।
उन्होंने कहा कि पार्लियामेंट का सिर्फ़ 30 ता 35 फ़ीसद हिस्सा रक़म और फाईनानस के मसाइल के लिए वक़्फ़ किया जा रहा है जबकि माली अख़राजात कई गुना ज़्यादा हो चुके हैं और आइन्दा पेचीदगीयों में भी ऐसा ही होने का अंदेशा है ।उन्होंने कहा कि पार्लियामेंट के अरकान और असेम्बलीयों के अरकान को अख़राजात की जांच करने की फ़ुर्सत ही नहीं है वो मुतालिबात ज़र पर और फाईनानस बिल पर बेहस करने केलिए वक़्त निकालने से क़ासिर है ।
सदर जम्हूरीया प्रणब मुखर्जी ने सवाल किया कि अगर पार्लियामेंट और असेम्बलीयों के अरकान ऐसा नहीं कर सकते तो और कौन करेगा ?उन्होंने कहा कि अवाम ने अपने नुमाइंदों को फ़राइज़ की अदायगी और ज़िम्मेदारीयों की तकमील केलिए मुंतख़ब किया है । अगर में अपनी ज़िम्मेदारीयों की तकमील ना करूं तो ये कोई अच्छी बात नहीं होगी ।
सदर जम्हूरीया ने क़ाइदीन और सियासी इंतेज़ामीया से ख़ाहिश की कि वो बार बार ख़ललअंदाज़ी के मसले पर ग़ौर-ओ-ख़ौज़ करें और इसका कोई हल तलाश करें । प्रणब मुखर्जी ने जो रियासत हिमाचल प्रदेश के तीन रोज़ा दौरे पर हैं उम्मीद ज़ाहिर की कि हम ये हल तलाश करने के काबिल है ।
उन्होंने कहा कि उन्हें हिन्दुस्तानी सियासी निज़ाम पर यक़ीन-ए-वासिक़ है । उनके ख़्याल में ये अरज़ी जज़बात की बरहमी है जो जल्द ही दरुस्त करली जाएगी । सदर जम्हूरीया ने बादअज़ां बावक़ार हिन्दुस्तानी इदारा बराए तरक़्क़ी याफ़ता मुतालाजात में टाएगोर मर्कज़ का इफ़्तिताह किया ।
इफ़्तिताही तक़रीर में उन्होंने कहा कि मुल्क अख़लाक़ी इन्हितात के एहसास में मुबतला है इस एहसास से बाहर निकालने केलिए टाएगोर जैसी शख़्सियत की ज़रूरत है । उन्होंने कहा कि मुआशरे में ऐसी मिसाली शख्सियतें ज़रूर होनी चाहीए क्योंकि वो ग़ैर यक़ीनी हालात में अख़लाक़ी कुतुब नुमा का काम अंजाम देती हैं ।