हुकूमत ने आज 7 हज़ार 500 करोड़ रुपये के ज़िमनी मुतालिबात ज़ेर मंज़ूरी के लिए पार्लियामेंट में पेश करदिए। इन में एक हज़ार करोड़ रुपये नरभए फ़ंड क़ायम करने के लिए मुख़तस किए जाऐंगे जो ख़वातीन के तहफ़्फ़ुज़ के लिए और एक हज़ार करोड़ रुपये ख़ालिस ख़वातीन के बैंक क़ायम करने के लिए मुख़तस किए जाऐंगे। इन अख़राजात के लिए 127.14 करोड़र रुपये की ज़रूरत होगी।
क्योंकि इज़ाफ़ी अख़राजात की तकमील दीगर सरकारी इसकीमात में बचत के ज़रीये की जाएगी। बहैसीयत मजमूई मालीयाती ख़सारे के हदफ़ पर मज़ीद बोझ नहीं डाला जाएगा। मर्कज़ी वज़ीर फाईनानस पी चिदम़्बरम ने लोक सभा में ज़िमनी मुतालिबात ज़ेरे पेश करते हुए बैन-उल-अक़वामी मालीयाती फ़ंड में चंदा देने के लिए 1830 करोड़ रुपये की मंज़ूरी तल्ब की। 500 करोड़ रुपये छोटे सनअती तरक़्क़ीयाती बैंक आफ़ इंडिया में क्रेडिट ग्यारंटी फ़ंड क़ायम करने के लिए और 100 करोड़ रुपये इंडिया माईक्रो फाईनानस अकवेटी फ़ंड सडवी के लिए तलब किए।
इज़ाफ़ी ख़र्च में 100 करोड़ रुपये फी कस अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी और बैनारस हिंदू यूनीवर्सिटी को बतौर ग्रांट देने की मंज़ूरी तलब की गई। 200 करोड़ रुपये राजीव गांधी पंचायत सुशाकती किरण अभियान के लिए तल्ब के गए हैं। हुकूमत ने मंज़ूरी के लिए ज़िमनी मुतालिबात ज़ेरे पेश करते हुए मुख़्तलिफ़ मुद्दों की तफ़सीलात भी ज़ाहिर कीं और कहा कि इन अख़राजात से ख़सारे पर मज़ीद बोझ आइद नहीं होगा।
क्योंकि उनकी तकमील दीगर सरकारी स्कीमों में बचत के ज़रीये की जाएगी। चिदम़्बरम तायक़ून दे चुके हैं कि मालीयाती ख़सारा जारीया माली साल में सिर्फ़ 4.8 फ़ीसद होगा जो 2012-13में 4.9 फ़ीसद था।काबीना पहले ही भारतीय महेला बैंक के क़ियाम के लिए एक हज़ार करोड़ रुपये मंज़ूर करचुकी है।