पार्लियामेंट सरमाई सेशन का आज आग़ाज़

पार्लियामेंट सरमाई सेशन का आज आग़ाज़ हुआ। इमकान ग़ालिब है कि इस सेशन के दौरान रीटेल शोबे में एफ डी आई के मसले पर ज़बरदस्त गर्मा गर्म मुबाहिस होंगे। हलीफ़ से हरीफ़ बनने वाली तृणमूल कांग्रेस ने हुकूमत के ख़िलाफ़ तहरीक अदमे एतेमाद पेश करने की धमकी दी है।

जबकि हलीफ़ पार्टीयों ने भी एफ डी आई के मसले पर नाराज़गी ज़ाहिर की थी। ये इशारे भी मिल रहे हैं कि तहरीक अदम एतेमाद के लिए तृणमूल कांग्रेस की सदर ममता बनर्जी को किसी की हिमायत हासिल नहीं होगी। बाएं बाज़ू और दाएं बाज़ू पार्टीयों ने एफडी आई के मसला पर एक क़रारदाद लाने की बात की है।

जिस के तहत एवान में इस क़रारदाद पर राय दही होसकती है। एवान के क़ाअदे के मुताबिक़ क़रारदाद पेश करने के बाद पार्टीयां राय दही के लिए ज़ोर दे सकती हैं। एन डी आई ने मल्टी ब्रांड के रीटेल शोबे में एफ डी आई लाने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ राय दही वाली तहरीक पेश करने का फ़ैसला किया है।

लेकिन इस ने तहरीक अदमे एतेमाद पर भी अपना इख़तियार खुला रखा है। तृणमूल कांग्रेस जो दो माह क़बल कांग्रेस ज़ेर-ए-क़ियादत यू पी ए हुकूमत की हलीफ़ पार्टी थी, अब इस के सिर्फ़ 19 अरकान-ए-पार्लीमैंट हैं जबकि तहरीक अदमे एतेमाद पेश करने के लिए कम अज़ कम 54 अरकान-ए-पार्लीमैंट की ताईद ज़रूरी है जो एवान-ए-ज़ेरीं की मुकम्मल अक्सरीयत का दस फ़ीसद होता है।

हुकूमत के ज़िम्मेदारों को एतेमाद है कि इसके अरकान और दीगर साथी पार्टीयां मख़लूत हुकूमत के इस्तहकाम को ख़तरा नहीं बनेंगी। इस हुकूमत को मीयाद पूरी करने के लिए 18 महिने बाक़ी हैं। पारलीमानी उमूर के वज़ीर कमल नाथ ने हुकूमत के ख़िलाफ़ तहरीक अदमे एतेमाद पेश करने तृणमूल कांग्रेस के मंसूबे को मज़हकाख़ेज़ क़रार दिया और कहा कि वो अपनी पारलीमानी ज़िंदगी के 32 साल के दौरान पहली मर्तबा देख रहे हैं कि 19 रुकनी पार्टी तहरीक अदमे एतेमाद लाने के लिए हुकूमत को धमकी दे रही है।

पारलीमानी उमूर के वज़ीर की हैसियत से पहले सेशन का सामना करने वाले कमल नाथ ने कहा कि यू पी ए की साबिक़ हलीफ़ पार्टी सिर्फ़ 19 अरकान हैं और वो तहरीक लाने की धमकी दे रही है तो इस का मतलब है कि इस पार्टी को हमारे अरकान की तादाद का अंदाज़ा नहीं है।

एक महिने तवील सेशन में जो 20 दिसमबर को ख़त्म होगा , ज़ाइद 20 सेशन्स होंगे। जिस में हुकूमत 25 बिलों की बिशमोल दीगर अहम क़वानीन को मंज़ूर कराने की कोशिश करेगी। ज़िमनी मुतालिबात ज़र पर राय दही भी होगी। लोक पाल और लोक आयवकत बिल के अलावा दस्तूरी तरमीमी बिल (17 तरमीम) बिल भी इस सैशन के दौरान पार्लीमैंट में पेश किया जाएगा।

पार्लियामेंट के मानसून सेशन में मुतनाज़ा कोयला तख़सीस अस्क़ाम मसला पर ज़बरदस्त हंगामा आराई हुई थी और कार्रवाई दिरहम ब्रहम होगई थी। इस मसले पर बी जे पी ने वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह से अस्तीफ़े का मांग‌ किया था। 2009 लोक सभा इंतेख़ाबात के बाद पार्लीमैंट का ये सब से बदतरीन सैशन था , 19 रोज़ के मिनजुमला सिर्फ़ 6 दिन कार्रवाई होसकी थी।