पार्लीमेंट के दोनों ऐवानों में आज अपोज़ीशन के हंगामा के बाइस (कारण) कार्रवाई मफ़लूज रही। कोयला ब्लॉक्स के तख़सीस ( खासीयत) पर सी ए जी रिपोर्ट को पेश करने में ताख़ीर (देरी) के मसला पर अपोज़ीशन ने ज़बरदस्त एहतिजाज (प्रदर्शन) किया। इसके इलावा अपोज़ीशन आंधरा प्रदेश में हुए ट्रेन हादिसा ( घटना) पर ब्यान देने का मुतालिबा (Demand) कर रही थी। राज्य सभा में भी दो मर्तबा कार्रवाई को मुल्तवी (रोकना) करना पड़ा।
दोपहर से क़ब्ल ( पहले) अपोज़ीशन बी जे पी वकफ़ा-ए-सवालात को मुअत्तल (रद्द कर देना) करने का मुतालिबा ( Demand) करते हुए ख़ानगी ( निजी) कंपनीयों को कोयला के ब्लॉक्स मुख़तस करने के दौरान सरकारी ख़ज़ाना को होने वाले 1,80,000 करोड़ रुपये के नुक़्सान से मुताल्लिक़ ( संबंधित) सी ए जी रिपोर्ट पर मुबाहिस (बात चीत) के लिए ज़ोर दिया।
जैसे ही स्पीकर मीरा कुमार ने लोक सभा में ट्रेन हादसा के महलोकीन को ख़राज (रकम) अदा किया , अपोज़ीशन अरकान उठ खड़े और वज़ीर रेलवे मुकुल राय की जानिब से इस हादसा ( दुर्घटना) पर ब्यान देने का मुतालिबा किया। सी पी आई एम के रामचंद्र डोमे, बी जे पी के अनंत कुमार और शिवसेना के आनंद परांजपे ने अपनी नशिस्तों ( सीटो) से उठ कर इस ट्रेन हादसा ( दुर्घटना) पर हुकूमत की जानिब से ब्यान देने का मुतालिबा किया।
तेलगुदेशम के बाअज़ ( कुछ) अरकान ( लीडर) इसी मसला (समस्या) पर ऐवान (संसद) के वस्त में पहूंच गए और एहतिजाज (प्रदर्शन) करने लगे। इसी दौरान सी पी आई ऐम के रुकन बांसा गोपाल चौधरी की ज़ेर-ए-क़ियादत (श्रधांजली) एक वफ़द नारा बाज़ी करते हुए ऐवान के वस्त में पहूंच गया।
ये लोग कोयला ब्लॉक्स को मुख़तस करने पर कमपटरोलर ऐंड अडीटर जनरल की रिपोर्ट पेश करने का हुकूमत से मुतालिबा कर रहे थे। चौधरी ने सवाल किया कि आख़िर वज़ीर-ए-आज़म का दफ़्तर सी ए जी रिपोर्ट को अपने पास महफ़ूज़ क्यों रखा है। इन अरकान ( लीडरों) ने ऐवान के वस्त में एक अख़बार की कापी भी लहराई।
इस ग्रुप ने नारे लगाए कि यू पी ए के तीन साल में ज्यादा से ज्यादा 30 स्क़ाम्स हुए हैं। उन्होंने यू पी ए हुकूमत मुर्दाबाद का नारा लगाते हुए कहा कि क्या यही जम्हूरी ( प्रजातंत्र) हुकूमत है। यू पी ए चेयर परसन सोनीया गांधी को वज़ीर-ए-पार्लीमानी उमोर पी के बंसल से इस मसला पर तबादला-ए-ख़्याल करते हुए देखा गया।
वज़ीर ने ख़ानगी कंपनीयों को कोयले की खानों की जगह अलॉट करने से मुताल्लिक़ खु़फ़ीया क़वाइद हासिल करने के बारे में अख़बारात में शाय (छपे)रिपोर्ट के चंद तराशे भी बताए। लोक सभा स्पीकर ने वकफ़ा-ए-सवालात शुरू करने का ऐलान किया था वज़ीर ग़िज़ा (Food Minister) के वी थॉमस ने हुकूमत की स्कीम पर पूछे गए चंद सवालात का जवाब लेकिन अपोज़ीशन के शोर-ओ-गुल के बाइस (वजह/कारण) कार्रवाई मुल्तवी ( रोक देना) की गई