पार्लीमैंट(संसद) का पूरा मानसून सैशन कोलगेट अस्काम की भेंट होने की संभावना

कोयला ब्लॉक तख़सीस रद्द करने सुषमा स्वराज की मांग, ऐसा संभव नहीं: पवन कुमार बंसल, सीबीआई टीमें छत्तीसगढ़ और झारखंड रवाना
कोयला तख़सीस अस्काम के मसले पर संसद की कार्यवाही दो सप्ताह लगाए रहने के बाद मानसून सत्र के अंतिम सप्ताह में किसी सकारात्मक बदलाव की संभावना नहीं दिख रहा है और ऐसा लगता है कि कल जब संसद की कार्यवाही शुरू होगी तो गतिरोध ज्यों का तों बरकरार रहेगा.

भाजपा ने कोयला ब्लॉक तख़सीस पर सी ए जी रिपोर्ट के हवाले से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर ज़िद की है. इस रिपोर्ट के बारे अनुसार 1.86 लाख करोड़ रुपये का कोयला तख़सीस के द्वारा अनावश्यक लाभ पहुंचाया गया. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गतिरोध समाप्त करने के उद्देश्य से नेता विपक्ष सुषमा स्वराज से संपर्क किया, लेकिन भाजपा ने अपने रुख़ में बदलाव का कोई संकेत नहीं दिया.

भाजपा का मानना ​​है कि प्रधानमंत्री को नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए इस्तीफा देना चाहिए और पार्टी संसद में और बाहर अपने विरोध जारी रखेगा. विपक्ष राजग को प्रोत्साहित तब मिला जब समाजवादी पार्टी, तलगुदेश्म और वामपंथी दलों ने भी इस मसले पर सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है.

नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने इस मसले पर पार्टी पक्ष में किसी तरह का बदलाव नहीं लाने की घोषणा की. उन्होंने आज मुंबई में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा ने संसद में गतिरोध समाप्त करने के लिए दो मांगों किए. सबसे पहले कोयला ब्लॉक तख़सीस रद्द किया जाए और स्वतंत्र जांच का आदेश दिया.

सुषमा स्वराज ने कहा कि भाजपा ज़ईराकतदार राज्यों में कोई भी मुख्यमंत्री कोलगेट अस्काम में शामिल नहीं है. इससे पहले वरिष्ठ भाजपा नेता ने अस्काम के बारे में प्रधानमंत्री का वर्णन को कम बताया था. इस दौरान मंत्री संसदीय मामलों पवन कुमार बंसल ने कहा कि कोयला तख़सीस के रद्द का सवाल ही पैदा नहीं होता.

उन्होंने विपक्ष से कहा कि संसद कार्रवाई प्रभावी ढंग से चलाने का मौका दे. इस दौरान सीबीआई ने विवादास्पद कोयला ब्लॉक तख़सीस में कथित तौर पर कुछ कंपनियों को लाभ पहुंचने की जांच के उद्देश्य से अपनी टीमें छत्तीसगढ़ और झारखंड रवाना किया है. सूत्रों ने बताया कि टीमें दोनों राज्यों को पहुँच चुकी है, लेकिन यह स्पष्ट किया कि अब तक किसी तरह के दावा नहीं किया क्योंकि एजेंसी अभी प्रारंभिक अनुसंधान चरण में है.

सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि सेंट्रल विजीलनस आयोग ने यह मामला सी बी आई को सौंपा जिसके बाद प्रारंभिक जांच का मामला दर्ज किया गया. बताया जाता है कि कोयला ब्लॉक तख़सीस से कम से कम 10 कंपनियों को लाभ पहुँचे, और उन्होंने कथित तौर पर निर्धारित नियमों का यहाँ प्रत्यक्ष उल्लंघन है.