पार्लीमैंट का सरमाई इजलास

पार्लीमैंट के सरमाई इजलास का कल से आग़ाज़ होने जा रहा है । तवक़्क़ो की जा रही है कि ये इजलास गर्मा गर्म मुबाहिस से इबारत रहेगा । अप्पोज़ीशन जमातें हुकूमत को कई अवामी मसाइल पर निशाना बनाने का मंसूबा बना रही हैं जबकि हुकूमत की जानिब से इजलास के दौरान अप्पोज़ीशन की तन्क़ीदों से बचने और अप्पोज़ीशन का जवाब देने की हिक्मत-ए-अमली पर ग़ौर हो रहा है । स्पीकर लोक सभा मिसिज़ मीरा कुमार ने पार्लीमैंट इजलास की कार्रवाई के पुरसुकून अंदाज़ में इनइक़ाद केलिए तमाम जमातों से तआवुन तलब किया है ।

मिसिज़ मीरा कुमार ने इस सिलसिला में सयासी जमातों के क़ाइदीन के साथ इजलास मुनाक़िद करते हुए उन से ऐवान की कार्रवाई को पुरसुकून अंदाज़ में चलाने केलिए तआवुन की ख़ाहिश की है । इजलास की शुरूआत से क़बल हुकूमत के सामने बेशुमार मसाइल हैं और बाअज़ मसाइल इंतिहाई एहमीयत के हामिल हैं जो मलिक के अवाम को रास्त तौर पर दरपेश हैं । हुकूमत इन मसाइल पर अप्पोज़ीशन की तन्क़ीदों का सामना करने और अप्पोज़ीशन को जवाबी हमलों का निशाना बनाने की हिक्मत-ए-अमली में मसरूफ़ है ।

हुकूमत के सामने जहां महंगाई का मसला है वहीं कुरप्शन आम आदमी की मुश्किलात तलंगाना रियासत की तशकील का मुतालिबा और ऐसे ही कई दीगर अहम मसाइल हैं और यक़ीनी तौर पर अप्पोज़ीशन जमातें उन मसाइल पर हुकूमत को तन्क़ीदों का निशाना बना सकती हैं। अप्पोज़ीशन की तन्क़ीदों से क़ता नज़र उस इमकान को भी मुस्तर्द नहीं किया जा सकता कि महंगाई और कुरप्शन जैसे संगीन नौईयत के मसाइल पर हुकूमत को ख़ुद अपनी हलीफ़ जमातों की तन्क़ीद का भी सामना करना पड़ सकता है और अगर ऐसा हुआ तो हुकूमत उलझन का शिकार हो जाएगी। गुज़शता दिनों जिस तरह पैट्रोल की क़ीमतों में इज़ाफ़ा के बाद हुकूमत को अपनी अहम हलीफ़ तृणमूल कांग्रेस की तन्क़ीदों का सामना करना पड़ा था उसे हुकूमत भूल नहीं सकी है ।

तृणमूल कांग्रेस ने तो पैट्रोल क़ीमतों में किए गए इज़ाफ़ा से दसतबरदारी इख़तियार ना किए जाने पर मनमोहन सिंह हुकूमत की ताईद से ही दस्तबरदार होजाने की धमकी दी थी । चंद दिन बाद तेल कंपनीयों ने आलमी मार्किट में तेल की क़ीमतों में कमी का इद्दिआ करते हुए पैट्रोल की क़ीमत में कमी करदी है । इस तरह हुकूमत को तृणमूल के साथ इमकानी तसादुम को टालने में मदद मिल गई है लेकिन ये भी कहा जा सकता है कि पैट्रोल क़ीमतों में कमी आलमी क़ीमतों में कमी की मरहून-ए-मिन्नत नहीं है बल्कि ये सयासी फ़ैसला ही है ।

ऐवान में हुकूमत को खासतौर पर अश्या-ए-ज़रुरीया की क़ीमतों में हो रहे मुसलसल और बेतहाशा इज़ाफ़ा और जिन लोक पाल बल जैसे मसाइल पर अप्पोज़ीशन की तन्क़ीदों का निशाना बनना पड़ सकता है ।

इस के इलावा कुरप्शन का मौज़ू भी इंतिहाई हस्सास है और इस पर भी ऐवान में गरमागरम मुबाहिस का इमकान मुस्तर्द नहीं किया जा सकता । मुल्क में अश्या-ए-ज़रुरीया की क़ीमतों में मुसलसल इज़ाफ़ा इफ़रात-ए-ज़र की शरह में इज़ाफ़ा और हुकूमत की जानिब से महंगाई पर क़ाबू पाने में नाकामी ने सारे मलिक के अवाम को बेतहाशा बूझ का शिकार करदिया है । आम आदमी मुसलसल महंगाई की वजह से बेतरह मसाइल का शिकार होगया है और इसी मसला को अप्पोज़ीशन जमातें खासतौर पर मौज़ू बेहस बनाईंगी ।

ये भी कहा जा रहा है कि असल अप्पोज़ीशन बी जे पी की जानिब से ऐवान की कार्रवाई के पहले ही दिन महंगाई के मसला पर तहरीक इलतिवा पेश की जा सकती है । इस तरह अप्पोज़ीशन ने वाज़िह करदिया है कि ऐवान की कार्रवाई के आग़ाज़ के साथ ही हुकूमत को घेरने का अमल शुरू हो जाएगा । ये भी मुम्किन है कि इस तहरीक इलतिवा को मुस्तर्द करदिया जाय ।

अगर ऐसा होता है तो फिर ऐवान में हंगामा आराई का आग़ाज़ हो जाएगा और फिर ऐवान की कार्रवाई मुसलसल मुतास्सिर होती रहेगी । हुकूमत ने भी बिलवासता तौर पर ये एतराफ़ किया है कि पार्लीमैंट का सरमाई इजलास इस के लिए आसान नहीं रहेगा ताकि इस का इद्दिआ है कि इस ने ऐवान को चलाने की हिक्मत-ए-अमली तैय्यार करली है ।

हुकूमत को ऐवान में जवाब देना होगा कि महंगाई पर क़ाबू पाने वो क्या कुछ करचुकी है और मज़ीद क्या करने का मंसूबा रखती है । इसी तरह कुरप्शन के मसला पर भी हुकूमत को अप्पोज़ीशन की तन्क़ीदों का सामना रहेगा क्योंकि कमपटरोलर ऐंड आडीटर जनरल की कुछ ताज़ा तरीन रिपोर्टस भी सामने आई हैं जिन में हुकूमत केलिए परेशानियां ही होंगी ।

रिश्वत की लानत पर क़ाबू पाने हुकूमत ने बलंद बाँग दावे तो बहुत किए थे । मनमोहन सिंह और सोनीया गांधी ने इस के ख़ातमा केलिए अज़म ज़ाहिर किया था लेकिन अभी तक अमला इस सिलसिला में किसी तरह के इक़दामात नहीं किए गए । हुकूमत को इस मसला का भी ऐवान में यक़ीनन जवाब देना होगा जो इस के लिए आसान नहीं होसकता।

अलैहदा रियासत तलंगाना की तशकील और फिर एक ताक़तवर और मूसिर जिन लोक पाल बल की मंज़ूरी के मसाइल भी हुकूमत केलिए दर्द-ए-सर की वजह बन सकते हैं। बी जे पी ने तलंगाना की तशकील का मुतालिबा ऐवान में उठाने का ऐलान किया है इसी तरह टी आर ऐस और ख़ुद कांग्रेस के इलाक़ा तलंगाना से ताल्लुक़ रखने वाले अरकान ये मसला उठा सकते हैं।

दूसरी जमातें एक ताक़तवर और मूसिर जिन लोक पाल बल को मंज़ूरी दिलाने हुकूमत पर ज़ोर देंगी । हुकूमत यक़ीनन इस इजलास में लोक पाल बिल पेश करेगी लेकिन इस में तरामीम और अहम मुतालिबात की यकसूई ऐसे नकात हैं जिन पर ऐवान में हंगामा आराई होसकती है । तलंगाना मसला पर भी ऐवान में काफ़ी गर्मागर्मी होसकती है क्योंकि इस मसला पर भी हुकूमत मुसलसल टाल मटोल से काम ले रही है । बहैसीयत मजमूई पार्लीमैंट के सरमाई इजलास में गर्मागर्मी ज़्यादा होसकती है ।