पासपोर्ट के लिए रांची में दरख्वास्त दी थी भटकल ने

सिम्मी पर पाबंदी लगने के बाद इंडियन मुजाहिद्दीन के नाम से एक नया दहशतगर्द तंज़िम जब वजूद में आया, इसमें वैसे कट्टर नौजवानों की भर्ती की गई। कर्ता-धर्ता बना यासीन भटकल। इसने मुल्क भर में तंज़िम खड़ा करने की कोशशि की थी।

वह झारखंड का दौरा कर चुका है। झारखंड इंडियन मुजाहिद्दीन के लिए सेफ जोन था। मुल्क के दूसरे हिस्सों में सीरियल ब्लास्ट करने के बाद आइएम के दहशतगर्द रांची में इलाज कराते थे। रांची में बरियातू का रहनेवाला मंजर इमाम और दानशि रियाज इस तंज़िम से पहले ही जुड़ चुका था। साल 2008 में यासीन भटकल ने रांची में पासपोर्ट के लिए दरख्वास्त दिया था। दरख्वास्त पर इब्तेदाई सिफ़ारिश भी पुलिस कर दी थी। इसी साल कोलकाता पुलिस ने नकली नोट के कारोबार के मामले में उसे गिरफ्तार किया था।

वहां उसने गलत सिनाख्त बता कर पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा था। उस वक़्त उसके पास पासपोर्ट से मुतल्लिक़ कुछ दस्तावेज भी थे। कोलकाता पुलिस ने इसकी इत्तिला झारखंड पुलिस को दी थी। झारखंड में तंज़िम खड़ा करना चाहता था मंजर : यासीन भटकल के इशारे पर मंजर इमाम को जवाबदेही दी गई थी कि वह झारखंड में आइएम से नौजवानों को जोड़े। 25 नौजवानों का नाम इस तंज़िम से जुड़े होने के मामले उछला भी था।
बरियातू का रहनेवाला दनिश भी इस तंज़िम का कारकुन था। दोनों अभी जेल में है।

रांची, जमशेदपुर, धनबाद और जामताड़ा के भी कई लोग शामिल : रांची, जमशेदपुर, धनबाद और जामताड़ा के भी कई लोग इस तंज़िम से जुड़ चुके थे। आइएम ने रांची के बाद जमशेदपुर में तंज़िम खड़ा करने की कोशशि की थी। धनबाद, जामताड़ा और हजारीबाग में आइएम फ़ाल हो गया था।
जमशेदपुर से पकड़ा गया था अब्बू फजल खान : जमशेदपुर में आइएम का एक दहशतगर्द अब्बू फजल खान उर्फ डॉक्टर उर्फ फरहान, उर्फ अनवर पकड़ा गया था।
वह जमशेदपुर में फ्लैट खरीद कर रहता था। फजल की गिरफ्तारी 2011 में हुई थी। फजल असल तौर से आजमगढ़ का रहनेवाला है। पुलिस को बताया कि मध्यप्रदेश में एक बड़े बैंक डकैती में उसका हाथ था। वह 2008 में मुजीबुर्रहमान के साथ मंजर इमाम से मिलने रांची आया था।