पटना 18 मई : आशियाना-दीघा रोड वाक़ेय पासपोर्ट सर्विस सेंटर के बाहर फआल दलालों पर जुम्मा को पुलिस ने कार्रवाई की। पुलिस ने फर्जी दस्तावेज की बुन्याद पर पासपोर्ट बनाने वाले दलालों के गिरोह के आठ रुकन को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पासपोर्ट सर्विस सेंटर के बाहर से 40 से ज्यादा अफ्रादों को पकड़ा था, लेकिन तौसिक़ के बाद आठ दलालों को गिरफ्तार किया गया। इन लोगों के पास से नकली पैन कार्ड, दस्तावेज, 20 हजार नकद, काला बैग, कोड मुश्तमिल कूपन, दरख्वास्त की शय कॉपी बरामद की गयी है।
गिरफ्तार दलालों में मो. शकील (मिरदाद, बिहारशरीफ, नालंदा), मो. मुजफ्फर आलम (सिमलिया, अमौर, पूर्णिया), विप्लव कुमार दूबे (वर्णइया गोकुल, गोपालपुर), संजय कुमार प्रसाद (निखतिकला, रघुनाथपुर, सिवान), अजरुन कुमार (राजीव नगर रोड नंबर आठ, पटना), रामाश्रय यादव (बैरिया, बलिया), जाकीर हुसैन (मकड़ियार, सिवान) और योगेन्द्र साव (मिसरौली, नौतन, सिवान) शामिल है।
पकड़े गये लोगों में तीन फोटो स्टेट दुकानदार भी शामिल है। इन तीनों की दुकान को सील कर दिया गया है। सचिवालय डीएसपी मनीष कुमार ने बताया कि जाली दस्तावेज की बुन्याद पर पकड़े गये दलाल पासपोर्ट बनाने का काम करते थे। इसके लिए वे दो हजार से लेकर पांच हजार तक वसूलते थे। दरख्वास्त के साथ ये दलाल अपना कागज भी अंदर भेजते थे, जिस पर कोड लिखा होता था। वे अपने साथ स्याह बैग रखते थे, ये उनकी सिनाख्त होती थी। जिसकी वज़ह से ये वाज़ेह है कि पासपोर्ट सर्विस सेंटर का कोई अहलकार भी इस गोरखधंधे में शामिल है।
दो से पांच हजार था रेट
पासपोर्ट बनवाने वाले लोगों की माली हालात के मुताबिक दलालों का रेट फिक्स था। दो हजार से लेकर पांच हजार तक एक पासपोर्ट बनवाने के लिए दलाल लेते थे। जिसमें दरख्वास्त जमा करने के साथ ही दरख्वास्त के साथ जमा होने वाले जरूरी कागजात नेज़ाम की जिम्मेवारी ली जाती थी। इसके अलावा पुलिस वेरिफिकेशन करवाने का चार्ज अलग से होता था। अगर किसी को कोई कागजात कम हो जाता तो वे बगल की फोटो स्टेट दुकान जाकर फर्जी कागजात तैयार कर दरख्वास्त के साथ लगा देते थे।