पासवान ने खानदानी फायदे के लिए असुलों की कुर्बानी दी

भाजपा और लोजपा के इत्तिहाद को ‘बेकार’ बताते हुए बिहार के वजीरे आला नीतीश कुमार ने कहा कि लोजपा सरबराह रामविलास पासवान एक ऐसे लीडर हैं, जिन्होंने साबित कर दिया कि ‘‘सियासत में नज़रिया नाम की कोई चीज नहीं होती। ’’ आइंदा लोकसभा इंतिख़ाब के लिए भाजपा और लोजपा के दरमियान हुए इत्तिहाद पर रद्दो अमल ज़ाहिर करते हुये कुमार ने कहा, ‘‘इस इत्तिहाद का असुलों से कुछ लेना-देना नहीं है। यह अजीब है लेकिन सच है। ’’ तीखी तबसीरह करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जैसी हालात, वैसा फैसला, वैसा रास्ता’’ पासवान की तनकीद करते हुए कुमार ने कहा कि लोजपा लीडर ने यह वाजेह कर दिया है कि ‘‘उनके (पासवान के) लफ्जों और कामों पर यकीन नहीं किया जा सकता। हालात के हिसाब से जो उनके लिए मुनासिब होता है, वे वही करते हैं। ’’

वजीरे आला ने कहा, ‘‘ऐसा कोई दूसरा मामला नहीं हो सकता और मुल्क में कोई दूसरा सख्स ऐसा नहीं कर सकता। ’’ इत्तिफ़ाक़ जदयू के लीडर और रामविलास अटल बिहारी वाजपेयी की कियादत वाली राजग सरकार के एक ही काबीना में थे। लेकिन साल 2002 के गोधरा फसाद के मुखालिफत में पासवान इस इत्तिहाद से हट गए थे। लोजपा ने बिहार में आइंदा आम इंतिख़ाब को देखते हुए कल रात भाजपा से हाथ मिला लिया। दोनों के दरमियान हुए मूआहिदे के मुताबिक, लोजपा को रियासत की 40 में से 7 सीटें मिली हैं। पासवान के अपनी रिवायती हाजीपुर सीट से ही इंतिख़ाब लड़ने की एमकान है।