पा की चाइल्ड आर्टिस्ट तरोनी की आख़िरी रसूमात ( रस्में)

चाइल्ड आर्टिस्ट तरोनी सचदेव और इसकी वालदा (माँ) गीता सचदेव जो नेपाल तय्यारा हादसा ( विमान घटना) में हलाक ( मारे गये) हो गए थे की आख़िरी रसूमात ( रस्में) अदा कर दी गई । उन की नाशों ( लाशों) को गुज़शता ( गुजरे) रोज़ नेपाल की राजधानी काठमांडू से लाया गया था ।

ये दोनों माँ बेटी उन 15 मुसाफ़िरो ( यात्रीयों) में शामिल हैं जो हादिसा ( घटना) में हलाक हुए । दरीं असना तरोनी के वालिद ने अख़बारी नुमाइंदों से बात करते हुए कहा कि उन्हें अब भी यक़ीन नहीं आता कि इन के साथ एक ऐसा हादसा ( घटना) पेश आया है जिसने उन की बीवी और बेटी को छीन लिया । शायद वो भगवान की चहेती बची थी लिहाज़ा भगवान ने उसे जलदी बुला लिया ।

हालाँकि सांता क्रूज़ शमशान घाट में आख़िरी रसूमात ( रस्मों) के वक़्त कोई फ़िल्मी हस्ती मौजूद ना थी लेकिन अमिताभ बच्चन अभीशेक बचन और विद्या बालन ने तरोनी की मौत पर शदीद रंज-ओ-ग़म का इज़हार किया ।