पीएफ पर मिलेगा 8.5 फीसद ब्याज

नई दिल्ली, 26 फरवरी: ईपीएफओ के खाते में जमा रकम पर चालू माली साल 2012-13 में 8.5 फीसद की दर से ब्याज मिलेगा। यह पिछले माली साल के मुकाबले 0.25 फीसदी ज़्यादा है। लेबर मिनिस्टर मल्लिकार्जुन खड़गे की सदारत में हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (सीबीटी) के इजलास में यह फैसला लिया गया। इस फैसले से ईपीएफओ के 5 करोड़ से ज़्यादा स्टेकहोल्डर्स (Stakeholders) को फायदा होगा। इसके अलावा पीएफ के डिपाजिटर्स (Depositors) को मुश्तकिल पीएफ नंबर भी जल्द मिलने की उम्मीद है।

हालांकि मुलाज़िम तबका के नुमाइंदो ने नौ फीसदी ब्याज दर की मांग की थी लेकिन हुकूमत के मुताबिक साढ़े आठ फीसदी ब्याज दर को ही मंजूरी मिल सकी। ज़राए की माने तो ईपीएफओ को सरमायाकारी के जरिए करीब 21 हजार करोड़ रुपये की आमदनी हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए साढ़े आठ फीसदी ब्याज दर का फैसला लिया गया है। इससे पहले माली साल में पीएफ ब्याज की शरह 8.25 फीसदी थी।

मालूम हो कि ईपीएफ दर में इजाफा होने के बावजूद यह पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) के ब्याज दर के मुकबले में 0.30 फीसदी कम है। मौजूदा वक्त में पीपीएफ ब्याज दर 8.80 फीसदी है। इजलास में यह भी फैसला लिया गया कि सभी पीएफ डिपाजिटर्स को जल्द मुश्तकिल पीएफ नंबर दस्तयाब कराया जाएगा ताकि नौकरी बदलने के बाद उन्हें नए पीएफ नंबर रखने की जरूरत नहीं पड़े।

भारतीय मजदूर संघ के बैजनाथ राय ने कहा कि इजलास में कई लोगों ने 8.6 फीसदी ब्याज दर की तजवीज पेश किए थें। अगर ईपीएफओ इसे मान लेता तो 1300 करोड़ रुपये और खर्च करने पड़ते। इसका इंतेज़ाम ससपेंस एकाउंट के खाते से हो सकती थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

उन्होंने कहा कि पीएफ मेंम्बरों की तादाद बढ़ने के साथ ईपीएफ की आमदनी और सरमायाकारी में भी इजाफा हुआ है। इसलिए ब्याज की शरह को 8.5 फीसदी से ज्यादा किया जा सकता था। वाजेह है कि ईपीएफ के मेम्बरो की तादाद पांच करोड़ से ज्यादा है।