वजीरे आला नीतीश कुमार ने वजीरे आजम ओहदे के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है। “संकल्प सफर” पर निकले वजीरे आला दो दिनों से बेतिया में थे। मंगल को उन्होंने बगहा और बुध को जगदीशपुर व बरौली में इजलास कीं।
टीवी चैनलों से बातचीत में वजीरे आला ने भाजपा के वजीरे आजम ओहदे के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नायब सदर राहुल गांधी का नाम लिये बगैर कहा, मैं उनलोगों से ज्यादा काबिल हूं, जो खुद को वजीरे आजम ओहदे का उम्मीदवार बता कर घूम रहे हैं। वजीरे आला यहीं नहीं रुके। कहा, एक को पार्लियामेंट काम काज का तजुर्बा नहीं है, जबकि दूसरे ने किसी रियासत तक की कियादत नहीं किया है। इशारों-ही-इशारों में वजीरे आला ने कहा, मुङो पार्लियामेंट में काम करने का तजुर्बा है।
साथ ही मैं गुजिशता आठ साल से बिहार का काबलियत से कियादत कर रहा हूं। एक सवाल के जवाब में वजीरे आला ने कहा, हमारी पार्टी जदयू छोटी पार्टी है। वह पीएम ओहदे जैसे बड़े दावे नहीं कर सकती है, लेकिन हमलोग काम करने में यकीन करते हैं।
यह पहला मौका है, जब वजीरे आला नीतीश कुमार ने वजीरे आजम ओहदे को लेकर अपनी उम्मीदवारी के बारे में कुछ बोला है। हाल में ही 11 पार्टियों का फेडरल फ्रंट बना है, जिसमें वाम दल, समाजवादी पार्टी व जदयू जैसे दल शामिल हैं। वजीरे आला के ताजा बयान ने मोरचे के मुमकिना लीडर को लेकर बात भी होने लगी है। वजीरे आला के हक़ में जो बात जाती है, वह उनकी साफ और ईमानदार तस्वीर है। गुजिशता आठ साल से जिस तरह से उन्होंने बिहार में इक्तिदार को चलाया है, उसे भी उनकी कामयाबी के तौर में देखा जाता है। नीतीश की कियादत में बिहार के मुल्क के दीगर रियासतों से तरक़्क़ी की रफ्तार में आगे निकला है। यह बात भी फेडरल फ्रंट के मुमकिना वजीरे आजम ओहदे के उम्मीदवार के तौर में वजीरे आला नीतीश कुमार के हक़ में जाती है।