नई दिल्ली: आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की एक आरटीआई आवेदन के जवाब मे पता चला है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इस साल मई में सत्ता में अपने 2 साल पूरे होने के बाद अपनी सरकार की उपलब्धियों के प्रचार के लिए प्रिंट मीडिया में विज्ञापनों पर 35.58 करोड़ रुपये खर्च किए.
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने इस मौके पर देश भर के प्रमुख अखबारों में विज्ञापनों के प्रकाशन पर केंद्र सरकार द्वारा किए गए खर्च की सूचना मांगी थी. विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) की लोक सूचना अधिकारी रूपा वेदी ने 11,236 अखबारों में दिए गए विज्ञापनों के ब्यौरे मुहैया कराए.
वही दूसरी आरटीआई मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे वषर्गांठ पर किए गए विज्ञापन खर्च के ब्यौरे मांगे. उसने जवाब में कहा कि मनमोहन सरकार के दो साल पूरे करने पर डीएवीपी ने कोई विज्ञापन अभियान नहीं चलाया था और न कोई खर्च हुआ
डीएवीपी ने जो सूचना मुहैया करायी उसके अनुसार धनराशि ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया, विकास की रफ्तार, बढ़ता कारोबार, जन जन का उद्धार और राजग सरकार टू इयर्स से संबंधित विज्ञापनों पर खर्च की गयी.