पीएलएफआइ के अकसरियत पसंद सिर्फ गोली की ज़ुबान समझते हैं। इसलिए अब उनको भून दिया जायेगा। अब तक पीएलएफआइ को लेकर जितने भी मुहिम चलाये गये हैं, उसमें इतनी तैयारी नहीं थी। अब पीएलएफआइ के पास कोई रास्ता नहीं बचा है। इस बार इस तंजीम को जड़ से खत्म किया जायेगा। चीफ़ सेक्रेटरी सजल चक्रवर्ती ने बुध को यह तबसीरह की।
वह शहर की सफाई निज़ाम का जायजा ले रहे थे। उन्होंने कहा कि अकसरियत पसंदों से अब बातचीत का वक़्त खत्म हो गया है। अब मारने का वक़्त आ गया है। जायजा प्रोग्राम में सीइओ मनोज कुमार, डिप्टी सीइओ ओमप्रकाश, हेल्थ ऑफिसर अजय मांझी वगैरह मौजूद थे।
कचरा से गंदा दिखता है शहर
सीएस ने कॉर्पोरेशन सीइओ को हिदायत दिया कि ज़्यादातर कचरा का उठाव मुंकीपल कॉर्पोरेशन कर लेता है लेकिन जो पॉलिथीन वगैरह सड़कों पर फेंका रहता है। उससे शहर की खूबसूरती खत्म होती है। इसलिए छोटे गाड़ी मेन सड़कों पर फेंके गये पॉलिथीन उठाव का काम करें। सीएस ने कहा कि कुछ मैरेज हॉल अपने कचरे को नाली में डाल देते हैं, ऐसे लोगों पर कार्रवाई किये जाने की जरूरत है।
बीमारी परोस रहे हैं शहर के दुकान, मुहिम चलाने का हुक्म
मिस्टर चक्रवर्ती ने जायजा प्रोग्राम के दौरान रातू रोड चौराहा वाकेय एक होटल में पहुंचे। यहां बाहर गमले में समोसा और निमकी रखा देख कर कहा कि ई सब जितना भी दुकान है, सब बीमारी ही परोस रहा है। सामान को तो कम से कम शीशा में बंद कर रखें। उन्होंने कहा कि अभी वे एक शादी में छपरा, सीवान और गोपालगंज गये थे वहां के छोटका-छोटका होटल में भी सामान को शीशा के शो केस में बंद करके रखा गया था। यह हमारी दारुल हुकूमत है यहां खुलेआम खाने की चीजें बेचे जा रहे हैं। सीएस ने कॉर्पोरेशन सीइओ को हिदायत दिया कि वह फूड इंस्पेक्टरों के साथ मिल कर ऐसे दुकानदारों पर मुहिम चलायें।
पॉलिथीन मुखालिफत मुहिम चलाने की जरूरत
सीएस ने कहा कि यह सही है कि रियासत में पॉलिथीन पर बैन लगाया गया है। पर यह कागजों तक ही महदूद है। जिन अफसरों को इनपर लगाम लगाने की जिम्मेवारी थी। उन्होंने भी सिर्फ एक दो दिन मुहिम चलाया, अखबार में फोटो छपवाया और मुहिम को बंद कर दिया।