पीके उत्तर प्रदेश से जल्द कर सकते हैं अपना बैग पैक

फैसल फरीद

लखनऊ: हालाँकि इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुयी है लेकिन चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर जो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए विधानसभा चुनाव मैनेज कर रहे हैं वह जल्द ही उत्तर प्रदेश से अपना बैग पैक कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस समिति के हेडक्वार्टर नेहरु भवन में पीके की टीम को दिए गए कार्यालय अब खाली पड़े हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस समिति के मीडिया इंचार्ज सत्यदेव त्रिपाठी ने भी मीडिया को बताया कि पीके के ऑफिस में कम ही आना जाना होता है। हालाँकि उन्होंने दावा किया कि पीके के लखनऊ छोड़ने के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं है।

बिहार चुनाव में नितीश कुमार की जीत के बात चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की बहुत मांग थी, तब उन्हें उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का चुनाव मैनेज करने के लिए रखा गया था। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में लगभग ख़तम हो चुकी है और इसके वापसी की उम्मीद कम ही है।

पीके ने राहुल गाँधी के लिए कई प्रोग्राम शुरू किये जिसमें खाट पंचायत, किसान यात्रा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से संवाद शामिल थे। हालाँकि कार्यक्रम ने मीडिया का ध्यान आकर्षित किया लेकिन यह पार्टी को पुनर्जीवित करने में विफल रहा। कांग्रेस की यथास्तिथि बरकरार है। इस बीच पार्टी के लगभग आधा दर्जन विधायकों के पार्टी छोड़ देने से पार्टी को अपमान सहना पड़ा है।

इस बीच, ऐसी खबरें थी कि पीके के रोबीले रवय्ये से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता असहज थे। ऐसी कई खबरें थी जब पीके के काम करने के तरीके से कांग्रेस के नेता दुखी हुए और पार्टी के साथ उनके रिश्ते लगातार मुश्किल में रहे।

यह भी खबरें हैं कि इन मुद्दों की जानकारी भी कांग्रेस हाई कमांड को दी गयी थी।

इस बीच पीके ने भी दीवार पर लिखी इबारत पढ़ ली है। उनके सभी प्रयासों के ब्लैक होल में चले गए हैं। कांग्रेस पुनर्जीवित होने में विफल रही। अब उसके पास एक दूसरा विकल्प बचा है कि किसी भी तरह समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके पार्टी की साख को कुछ हद तक बचाया जा सके। गठबंधन के लिए वार्ता को फिरसे शुरू किया गया है और इसमें पीके के करने के लिए कुछ ज़्यादा नहीं बचा है।