पीलीभीत फर्जी मुठभेड़: सिख तीर्थयात्रियों की हत्या के लिए 47 पुलिसकर्मियों को मिली आजीवन कारावास की सजा

आज सीबीआई की विशेष अदालत ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में 1991 में तीन अलग-अलग फर्जी मुठभेड़ों में 11 सिख तीर्थयात्रियों की हत्या के लिए दोषी ठहराये गये सभी 47 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है |

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पिछले सप्ताह अदालत ने जुलाई 1991 की एक रात में सिख पुरुषों की हत्या के लिये दोषी कुल 57 पुलिसवालों के ख़िलाफ़ आरोप पत्र दाखिल किए थे, जिनमें से 10 की 25 साल की लंबी सुनवाई के दौरान मौत हो गयी |

पीलीभीत की एक अदालत ने शुक्रवार को केवल 20 पुलिसकर्मियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और बाकी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए गये हैं |

रिपोर्ट में कहा कहा गया कि कुछ पुलिसकर्मी लम्बी छुट्टी लेने के बाद लापता हैं और जो लोग सेवानिवृत्त हैं वो भी कथित तौर पर भूमिगत हो गये थे यह स्पष्ट है नहीं हुआ है कि इस रिपोर्ट की सुनवाई के वक़्त आज कितने पुलिसकर्मी अदालत में मौजूद थे |

12 और 13 जुलाई की दरम्यानी रात को, पटना साहिब और अन्य पवित्र स्थानों से लौटते वक़्त एक बस में सवार सिख तीर्थयात्रियों के एक समूह को पीलीभीत में पकड़ लिया गया था।। ग्यारह सिखों को तीन समूहों में बांटकर बस से नीचे उतरने के लिए मजबूर किया गया था, और बाद में तीन अलग-अलग मुठभेड़ों में उनको मार दिया गया था|

पुलिस ने दावा था कि वे आतंकवादी थे और उन्होंने पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस मामले की जांच की थी ।