बलात्कार पीड़िता की बहन को धमकी, शिकायत के बाद आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

तीन महीने पहले गोंडा जिले में 17 वर्षीय लड़की के साथ हुए बलात्कार का मामला फिर से उजागर हुआ है| जिसका केस अदालत में चल रहा है| बुधवार को पीड़िता की छोटी बहन को धमकी देने के आरोप में एक 44 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है| गोंडा सांसद उमेश कुमार ने कहा कि बलात्कार पीड़िता के पिता ने कौरहिया थाने में लिखित शिकायत दर्ज़ करायी है कि मेरी छोटी बेटी को स्कूल जाते समय उसको धमकाया गया है जिसके बाद उन्होंने अपनी बेटी को स्कूल जाने से रोक दिया|

लड़की के पिता ने आरोप लगाया है कि फुलमन ने धमकी दी है कि अपना केस वापिस ले लें वरना इसके साथ भी वही होगा जो इसकी बड़ी बहन के साथ हुआ था| पुलिस अधीक्षक के अनुसार मंगलवार को फुलमन के खिलाफ आईपीसी की धारा 352 (गंभीर उत्पीड़न के अलावा अन्य हमला या आपराधिक बल की सजा) और 504 (शांति का उल्लंघन करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत आरोपी को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया|

यह मामला 5 जुलाई का है जब 17 साल की लड़की के साथ कथित तौर पर उसी गाँव के फ़िरोज़ नाम के लड़के ने बलात्कार किया था| उसी दिन फ़िरोज़ ने अपने चचेरे भाई नौशाद के साथ मिलकर उस लड़की को मुंबई लेकर गया| जहाँ पर उन्होंने उसे अपने दोस्त के साथ रखा था| 6 जुलाई को फ़िरोज़ नौशाद सहित 5 अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी सेक्शन 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए महिला को अपहरण करने या उसे प्रेरित करने) के तहत मामला दर्ज़ किया गया था| जिसमें उनके माता-पिता, चाचा भी शामिल हैं| कुछ दिनों बाद लड़की का पता लगाकर उसको गोंडा वापिस लाया गया|

मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज़ मामले में आरोप लगाया गया की फ़िरोज़ ने उसके साथ बलात्कार किया और नौशाद उसे जबरन मुंबई लेकर गया|इस मामले की जांच कर रहे अधिकारी शिव शरण गौर का दावा है कि मेडिकल जांच रिपोर्ट के अनुसार अभी उस पर यौन उत्पीड़न की पुष्टि नहीं हो पायी है| लेकिन पीड़िता के बयान के आधार पर मैंने  एफआईआर में तीन और आरोपी का नाम जोड़ दिया है, ये तीन नौशाद के दोस्त हैं| जिन्होंने मुंबई में लड़की को शरण दी थी।

गौर ने कहा कि फिरोज पर आईपीसी धारा 376 (बलात्कार) और धारा 3/4 के तहत यौन अपराध कानून, बच्चों की रोकथाम, धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज़ करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था| हालाँकि उनके माता पिता को गिरफ्तार नहीं किया गया था| फुलमन को भी गिरफ्तार किया जाना था, लेकिन उच्च न्यायालय की तरफ से उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ उन्हें कोई आर्डर नहीं दिया गया।

 

शरीफ़ उल्लाह