पुणे की 16 साल की लड़की का ISIS से कनेक्शन

पुणे में 16 साल की एक लड़की का आईएसआईएस के नज़रिया से मुतास्सिर होने की खबरों के बीच महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्कॉड ने आईएसआईएस के नज़रिया की तश्हीर करने वाली 80 वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दिया है, गुजश्ता साल से कोशिश है कि रियासत से और नौजवान दहशतगर्दाना नज़रिया के बहकावे में ना आएं.

पुणे के नामी कॉलेज में पढ़ने वाली इस लड़की के ख्वाब थे कि ईस्लामिक स्टेट से जुड़े लेकिन सेक्युरिटी एजेंसियों ने वक्त रहते उसे रोक लिया. फिलहाल उसे पुणे के बाल सुधार गृह में रखा गया है, जहां उसके मन में पनपे कट्टर नज़रिया को हटाने की कोशिश में उसके घर वालों के साथ मज़हबी लीडर भी जुड़े हुए हैं.

मामले में एंटी टेररिज़्म स्कॉड के एसीपी भानु प्रताप बर्गे ने बताया कि ‘पुणे की लड़की आईएसआईएस के जरिये सोशल मीडिया से जुड़ी थी, उसे कहा गया था कि उसे सीरिया भेजकर मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलवा दिया जाएगा, जिसका खर्च आईएसआईएस उठाएगा.’

ज़राये का कहना है कि लड़की आईएसआईएस से जुड़ी एक डॉक्यूमेंट्री देखकर उसका नज़रिया बदल गया , बाद में इंटरनेट के जरिये वो आईएसआईएस से जुड़े लोगों के राबिते में आई, पुलिस के मुताबिक अच्छे घर से ताल्लुक रखने वाली ये लड़की बहुत समझदार है, हाल ही में उसने अपनी तर्ज़ ए ज़िंदगी बदल दी और जींस-टीशर्ट छोड़कर बुर्का पहनना शुरू कर दिया.

कुछ ही दिनों पहले जयपुर से ईस्लामिक स्टेट के लिए नौजवानों को बहकाने के इल्ज़ाम में इंडियन ऑयल में काम करने वाले मोहम्मद सिराजुद्दीन को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के मुताबिक सिराजुद्दीन इस लड़की के साथ भी ऑनलाइन चैट किया करता था.

गुजश्ता साल मुंबई से सटे कल्याण से 4 लड़के इराक पहुंचे, फिर सीरिया में लड़ाई में भी हिस्सा लिया, उसमें सिर्फ आरिब मजीद वापस लौटा, जिसपर फिलहाल मामला चल रहा है. हालांकि मुल्क भर में मुस्लिम मज़हबी रहनुमाओं आईएसआईएस के ख़िलाफ खड़े हो रहे हैं, सेक्युरिटी एजेंसियां भी कई मुहिम चला रही हैं, खासकर सोशल मीडिया में भी आईएसआईएस से उनकी जंग जारी है लेकिन ऐसे मामलों को देखते हुए लगता है इस ऑनलाइन जंग से लड़ने में और पुलिस मुलाज़्मीन की ज़रूरत है.