पुणे: जर्मन बेकरी विस्फोट मामले में गिरफ्तार किए गए कतील सिद्दीकी के परिजनों को भले ही सरकार ने पांच लाख की राशि मुआवजा के रूप में दिए जाने की घोषणा की है, लेकिन उनके परिजनों का कहना है कि उन्हें इस समय ही करार मिले होगा, जब इस वारदात को अंजाम देने वाले असल अपराधियों को उनके किए की सजा मिलेगी.
प्रदेश 18 के अनुसार, कतील सिद्दीकी को पुणे के यरवदा जेल में हिरासत के दौरान हत्या के मामले में नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन ने कतील सिद्दीकी के परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया था.
गौरतलब है कि कतील सिद्दीकी को पुणे के यरवदा जेल में हिरासत के दौरान हत्या कर दी गई थी. शरद मोहोल और आलोक भाले राव नामक बदमाशों ने उच्च सुरक्षा सेल में कतील की हत्या कर दी थी. नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन के निर्देश पर जेल ने कतील सिद्दीकी के परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया है.
कतील सिद्दीकी का संबंध बिहार के दरभंगा जिले से था. कतील सिद्दीकी के परिजनों का कहना है कि कतील को न्याय तभी मिलेगा, जब उसके हत्यारों को किए की सजा मिलेगी.