पुणे सहित महाराष्ट्र के कई शहरों हिंसा, दलित- मराठों में झड़प

मुंबई। पुणे में एक राजनीतिक कार्यक्रम में दो गुटों के बीच हुए विवाद ने आज हिंसा का रूप ले लिया। पुणे में भड़की हिंसा की चिंगारी धीरे-धीरे अब पूरे महाराष्ट्र में फैलती जा रही है। मुंबई के कई इलाकों में जबकर बवाल हुआ है।

चेंबूर और मुलुंड में लोगों ने हंगामा किया। कई जगह लोगों ने पथराव किया और बसों को रोक दिय़ा गया। चेम्बूर में हार्बर लोकल रुट की बेलापुर सीएसटी लोकल ट्रेन भी रोकी गई। औरंगाबाद में भी हिंसा के बाद धारा 144 लगाई गई है। तीन पुलिसवाले जख्मी हुए है।

अहमदनगर- औरंगाबाद के बीच बस सेवा रोक दी गई है। यही नहीं बुलढाणा, जालना, अहमदनगर, उस्मानाबाद में जगह जगह जबरन दुकाने बंद कराने की खबरें आ रही है। नाराज लोगों ने पथराव भी किय़ा है। दरअसल कल पुणे में हिंसा के दौरान कुछ ही देर में कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था।

बीच सड़क पर फायरिंग की गई। हालात इतने ज्यादा खराब हो गए कि मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस को तैनात करना पड़ा। हंगामे की वजह से ईस्टर्न एक्सप्रेस वे पर जाम लग गया।

नए साल के मौके पर महाराष्ट्र के पुणे शहर में कोरेगांव भीमा, पबल और शिकरापुर गांव के लोगों व दलितों के बीच एक कार्यक्रम के दौरान हिंसक झड़प हो गई।

इस दौरान एक व्यक्ति की मौत होने से पूरे इलाके में तनावपूर्ण स्थिति है। पुणे से करीब 30 किलोमीटर दूर पुणे-अहमदनगर हाइवे में पेरने फाटा के पास विवाद हुआ जिसमें 25 से अधिक गाड़ियां जला दी गईं और 50 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़-फोड़ की गई।

दरअसल यहां दलित संगठनों द्वारा पेशवा बाजीराव द्वितीय की सेना पर अंग्रेजों की जीत का शौर्य दिवस मनाया जा रहा था। बता दें कि 1 जनवरी 1818 में कोरेगांव भीमा की लड़ाई में पेशवा बाजीराव द्वितीय पर अंग्रेजों ने जीत दर्ज की थी।

इसमें कुछ संख्या में दलित भी शामिल थे। इससे दो दिन पहले वढू बुद्रुक गांव में समाज के दो गुटों में विवाद हो गया था। इसी विवाद के चलते सोमवार को कोरेगांव भीमा परिसर में दोनों के बीच संघर्ष हुआ।