पुराने शहर के इलाक़ों में मौजूद नेशनलाइज़्ड बैंकों में सारिफ़ीन को बेहतर सहूलतों की अदम फ़राहमी की शिकायत आम होती जा रही है। पुराने शहर के कई नेशनलाइज़्ड बैंक बिलख़ुसूस स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया और स्टेट बैंक ऑफ़ हैदराबाद की कई शाख़ों में अवाम के लिए बेहतर सहूलतों की अदमे मौजूदगी की शिकायात के बावजूद ओहदेदार मसाइल को हल करने से क़ासिर नज़र आ रहे हैं।
और बाअज़ मुक़ामात पर ओहदेदारों की जानिब से वाज़ेह तौर पर ये कहा जा रहा हैकि ये मुआमलात उनके अख़तियार की बात नहीं है उसी लिए वो कुछ भी करने से क़ासिर हैं।
स्टेट बैंक ऑफ़ हैदराबाद मुग़लपुरा में सारिफ़ीन की तादाद में इज़ाफ़ा और जगह की तंगी के बाइस होने वाली मुश्किलात से मुतअद्दिद मर्तबा हुक्काम को वाक़िफ़ करवाए जाने के बावजूद मसअला के हल के लिए कोई इक़दामात नहीं किए जा रहे हैं।