पुराने शहर में तरक़्क़ीयाती कामों के बावजूद..?

बटहते हुए डरेंज ,ख़सताहाल सड़कें, नाक़िस पाइपलाइन ,और जा बजा कचरों का अंबार !

हैदराबाद । 25 । अक्टूबर : ( सियासत न्यूज़ ) : बटहते हुए डरेंज ,नाक़िस पाइपलाइन ,ख़सताहाल सड़कें और जगह जगह कचरों का अंबार..ये सब कल भी पुराने शहर के अहम तरीन मसाइल थे अविराज भी ये मसले अवाम केलिए बद सत्तू दर्द-ए-सर बने हुए हैं। अलमीया ये है कि इन मसलों की तरह सरकारी ओहदेदारों के रवैय्या भी कोई तबदीली नहीं आई है, मज़कूरा मसलों के हवाले से अवामी शिकायत पर रिवायती टाल मटोल ,हीलाबाज़ी,मसले की यकसूई में ताख़ीर,माज़ी ही की तरह जारी है।हैरत की बात ये है कि गुज़शता एक साल से शहर के तक़रीबन हर इलाक़े में तामीराती सरगर्मियाँ अंजाम दीजारही हैं,कहीं डरेंज लाईन के नाम पर तो कहीं सड़कों और गली कूचों में रोड बनाने के नाम पर जा बजाका म होरहा है मगर इन तामीराती सरगर्मीयों की रफ़्तार इस क़दर सुस्त है कि अवाम को फ़िलहाल इस से कोई फ़ायदा होने के बजाय परेशानी है होरही है। मुक़ामी ज़राए के मुताबिक़, चंदरायन गट्टा , हाफ़िज़ बाबा नगर,हुस्न नगर,महमूद नगर, किशन बाग़,रनमसत पूरा ,नवाब साहिब कनटा ,दूध बाओली,फ़तह दरवाज़ा ,फ़लक नुमा,जहॉ नुमा और काले पत्थर जैसे अलाक़ोंमींबलदी,आ बरसानी और बर्क़ी के मसाइल अवाम को परेशान किए हुए हैं।मज़कूरा इलाक़ों में कचरे की कुंडी से कचरे की कई दिनों तक निकासी अमल में नहीं आती है जिस से पूरी फ़िज़ा, मस्मूम और ताफ़्फ़ुन ज़दा होजाती है।इलाक़ा किशन बाग़ ,ताड़बन चौराहा ,वटे पली नवाब साहिब कनटा , काले पत्थर, तीगल कनटा वग़ैरा में डरेंज लाईन उबल कर बहने का सिलसिला भी बदस्तूर जारी है।हर जगह खोदकर उसी हालत में छोड़ दिए जाने से गंदा पानी जगह जगह जमा होरहा है जिस से मच्छरों की अफ़्ज़ाइश होरही है। मुक़ामी ज़राए के मुताबिक़ ,असदबा बा नगर ,ऐस वे नगर ,नजम नगर वग़ैरा जैसे मुहल्ला जात में जा बजा गंदगी की मौजूदगी से मच्छरों की बेइंतिहा अफ़्ज़ाइश होरही है,लोगों का कहना है कि मच्छरों की कसरत एक मुस्तक़िल मसला बन चुका है, जिसकी वजह से कई अफ़राद वाइरल फीवर और मुख़्तलिफ़ बीमारीयों का शिकार हो रहे हैं ।इलाक़ा हुस्न नगर में पीने के पानी के प्रैशर का ये हाल है कि यहां बगै़र मोटर के पानी हासिल ही नहीं कर सकती।बहादुर पूरा में मुक़ामी अफ़राद ने सियासत को बताया कि एक तो नल रात में और सिर्फ एक आधे घंटे के वास्ते खोला जा ताहे इस पर सितम ज़रीफ़ी ये कि पानी गदला और बदबूदार होने की वजह से दस पंद्रह मिनट तक यूंही बहा ना पड़ता है तब जाकर पानी कुछ हदतक साफ़ और का बिल इस्तिमाल होता है।इसी तरह की सूरत-ए-हाल अली आबाद ,फ़लक नुमा,वटे पली ,मुस्तफ़ा नगर तीगल कनटा ,अंसारी रोड, नवाब साहिब कनटा ,और का ले पत्थर जैसे इलाकोंमें भी है ,जहां तामीराती कामों की अदम तकमील से अवाम को राहत के बजाय मज़ीद मुश्किलात का सामना करना पड़ रहा है।बिलाल नगर का ले पत्थर के मकीनों ने बताया या कि पीने का पानी हो या नालों में बहने वाला पानी ,दोनों उनके लिए मसला बना हुआ है ,पीने के पानी केलिए भी उन्हें जद जहद करना पड़ ताहे चूँकि एक तो नल एक दिन आड़ाएक दिन खोला जाता है औरवह भी मुख़्तसर वक़फ़े केलिए ,दूसरी तरफ़ नालों और उबलते हुए डरेंज उनकी ज़हनी अज़ीयत का सबब बना हुआहै जो उनके घरों में तक दाख़िल हो जाता है,उनके मुताबिक़ इस हवाले से तामीराती काम जारी है मगर उस की रफ़्ता रबहत सुस्त है ,जिस से अभी तक उनके मसाइल जूं के तूं हैं। मज़कूरा कई इलाक़ों में कभी एक दिन और कभी दो दिन के वक़फ़े के बाद पीने का पानी सरबराह किया जाता है जबकि बाअज़ मुक़ामात पर रात ग्यारह और कभी साढे़ ग्यारह बजे नल खोला जाता है, इस पर भी सिर्फ घंटा आधा घंटा केलिए ,जिस से लोगों ख़ातिरख़वाह मिक़दार में पानी नहीं मिल पाता है ,नतीजतन अक्सर अफ़राद को पानी ख़रीद कर पीना पड़ता है। मज़कूरा इलाक़ों के अवाम ने मुताल्लिक़ा ओहदेदारों , और हुकूमत से मुतालिबा किया है कि उनके इलाक़ों के बलदी ,बर्क़ी और आ बरसानी के देरीना मसले को फ़ौरी तौर पर हल करने केलिए संजीदा इक़दामात करें और मुताल्लिक़ा ओहदेदारों को इस बात का पाबंद बनाऐं कि वो रिवायती तर्ज़-ए-अमल इख़तियार करने के बजाय अमली और फ़ौरी इक़दामात को यक़ीनी बनाईं ताकि अवाम मज़ीद परेशानीयों और मुश्किलात से महफ़ूज़ रह सकें।