पुरे मुल्क में मुस्लमान ‘बलि ‘ का बकरा क्यों ?

अमन के आलम बरदार मुसलमान अगर खामोश हैं तो उसका ये मतलब नहीं के उन्हें बलि का बकरा बनाया जाए। उनकी ज़ज्बात का इस्तेह्साल किया जाये, मुक़द्दस कुरान ए करीम की तौहीन की जाये। कुछ इस तरह के नारे आज दारुल हुकूमत के सड़कों पर सुनने को मिला। मुस्लिम तंजीमों की तरफ से पुरे मुल्क में हो रहे मुस्लिम मुज़लिम और बीएसएफ के जवानों के ज़रिये कुरान ए करीम की अहनत करने के खिलाफ एह्तेजाजी मार्च निकाला गया। बेज, पोस्टर लिए मुसलमानों ने एह्तेजाज़ किया और इन्साफ का मुतालबा किया। कुछ ऐसा ही मंज़र पटना सिटी में भी देखने को मिला जहाँ नौजवानों ने पुरे मुल्क में हो रही मुस्लिम मुखालिफ कार्रवाई पर सख्त एह्तेजाज़ दर्ज कराया।