पुलवामा हमले के बाद कश्‍मीरी छात्रों को हिंदुत्व संगठनों ने पिटा, दहशत में कश्मीरी स्टूडेंट

बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) सहित दूसरे हिंदू संगठनों के सदस्यों द्वारा कश्मीर के 12 छात्रों की पिटाई के एक दिन बाद यानी शनिवार (16 फरवरी, 2019) को कश्मीरी छात्रों के लिए स्थिति और खराब हो गई। भीड़ के गुस्से के डर से कश्मीरी छात्रों ने खुद को हॉस्टल के कमरों और किराए पर लिए कमरों में बंद कर लिया।

कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में कम से कम 40 जवानों की जान जाने के बाद हिंदुत्व संगठनों ने देहरादून में रह रहे कश्मीरी छात्रों को कथित तौर पर गद्दार कहा है। इन संगठनों ने मांग की है कि सभी कश्मीरी छात्र 24 घंटों के भीतर शहर छोड़कर चले जाए। मामले में कुछ छात्रों ने संडे एक्सप्रेस से बात कर यह बात बताई है।

शनिवार दोपहर बाद भीड़ के डर की वजह से घाटी की बीस छात्राओं ने खुद को हॉस्टल के कमरे में बंद कर लिया। इस दौरान वहां मौजूद 24 वर्षीय एक छात्रा ने संडे एक्सप्रेस को बताया, ‘हम बीस लड़कियों ने खुद को हॉस्टल के कमरों में बंद कर लिया। सैकड़ों की तादाद में लोग हमारे हॉस्टल के बाहर थे। इनसे में बहुत से लोगों के हाथ में लाठिया और पत्थर थे। हमनें डर की वजह से कमरों की लाइटें तक बंद कर लीं।’

नाम नहीं छापने का अनुरोध करते हुए एक छात्रा ने बताया, ‘हमने पुलिस से मदद मांगी और वो यहां आए। मगर वो हमसे भीड़ का सामने करने और माफी मांगने के लिए कह रहे थे। हमें किस बात के लिए माफी मांगनी चाहिए? उन्होंने हमें गद्दार कहा, मगर हमने तो ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे हमें गद्दार बुलाया जाए। हम दरवाजे नहीं खोल सकते। हम बहुत डरे हुए हैं। हमारे पास ऐसा कोई नहीं है जिससे मदद मांग सकें।’

बता दें कि उत्तराखंड के देहरादून के विभिन्न कॉलेज और संस्थानों में तीन हजार के करीब कश्मीरी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। शहर में ऐसे पांच संस्थान में हैं जहां कश्मीरी छात्रों की तादाद अच्छी खासी है। इनमें बाबा फरीद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (BFIT), देव भूमी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (DBIT), डॉल्फिन इंस्टीट्यूट, अल्पाइन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी और रास बिहारी बोस सुभारती यूनिवर्सिटी शामिल हैं।

वहीं देहरादून पुलिस ने कश्मीरी छात्रों के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा से इनकार किया है। मगर पुलिस के सामने ही छात्रों को पीटने वाली वीडियो शनिवार को सोशल मीडिया में खूब वायरल हुईं।

नाम ना छापने की शर्त पर कश्मीर के एक 23 वर्षीय छात्र, जो BFIT में एमएससी ज्योलॉजी के छात्र हैं, ने बताया, ‘शुक्रवार को दो कश्मीरी छात्रों को भीड़ ने धमकी दी। इसके बाद तीन लोग हमारे किराए के कमरे में पहुंच गए। उन्होंने गुस्से में हमारे बाहर आने के लिए कहा। उन्होंने हमसे पूछा कि क्या हम कश्मीरी हैं। इसके बाद वो करीब 100 लोगों के साथ वापस आए। वो लगातार कह रहे थे कि हिंदुस्तान के गद्दारों को गोली मारो। हम घर में फंसे हुए हैं। मकान मालिक घर खाली करने को कह रहा है। मगर हम गलियों में बाहर कैसे निकलें। भीड़ हर जगह है। हम बहुत डरे हुए हैं।’

दूसरी तरह जब उत्तराखंड सरकार में मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता से संपर्क किया तो उन्होंने बताया, ‘हमें अभी तक ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली जिसमें कश्मीरी छात्रों संग मारपीट या उन्हें देहरादून छोड़कर जाने की धमकी मिली हो।’ उन्होंने कहा, ‘आतंकी हमले के चलते माहौल अभी तनावपूर्ण है। इसलिए कश्मीरी छात्रों को सोशल मीडिया में देश विरोधी टिप्पणी करने से बचना चाहिए। सोशल मीडिया में उनकी टिप्पणी जनता को उनके खिलाफ कर रही हैं।’