पुलिस‍ और अदलिया को खरीदने के लिए नारायण साई ने खोली तिजोरी

बलात्कार के मुल्ज़िम नारायण साई ने केस को कमजोर करने के लिए पुलिस और अदलिया को खरीदने की तैयारी कर ली थी। इसके लिए उसने अपनी तिजोरी भी खोल दी थी, लेकिन पुलिस ने इसका पर्दाफाश कर दिया। सूरत पुलिस ने अपने एक सब इंस्पेक्टर के साथ साई के पांच साथियों को हिरासत में लिया है। इनके कब्जे से 5 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई है। सूरत पुलिस की मानें तो साई को मदद करने और रेप का केस कमजोर करने के लिए पुलिस, अदलिया, अस्पताल और जेल से जुड़े ओहदेदारान को रिश्वत पहुंचाने की मुहिम बनाई गई थी। इसके लिए कुल 13 करोड़ रुपये का इंतेजाम किया गया था।

सूरत के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना के मुताबिक कानून के शिकंजे में आए नारायण साई ने सूरत पुलिस को ही नहीं बल्कि अदलिया (
Judiciary) तक को खरीदने की मुहिम बनाई थी।

जेल में सहूलियत के लिए वह जेल के ओहदेदारान को रिश्वत पहुंचाने की तैयारी में था। इसके लिए नारायण और उसके चाहने वालों ने 13 करोड़ रुपये का इंतेजाम किया था। अस्थाना के मुताबिक जुमेरात की देर शाम साई के साथियों ने पुलिस ओहदेदारान को रिश्वत देने की कोशिश की।

पुलिस ने जाल बिछाकर इसका पर्दाफाश कर दिया और उनके पास से 5 करोड़ रुपये जब्त कर लिए। इस मामले में क्राइम ब्रांच में तैनात पुलिस सब इंस्पेक्टर सीके कुंभानी को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसने ओहदेदारान को रिश्वत पहुंचाने के लिए पैसे की मांग की थी।

साई के साथी उदय संघानी से एक करोड़ और केतन पटेल से चार करोड़ रुपये मिले। सभी छह मुल्ज़िमो को हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस के मुताबिक, फरारी के दौरान नारायण साई और उसके साथियों के फोन ट्रेस किए जा रहे थे। साई की गिरफ्तारी के बाद उसके साथी पुलिस के रडार पर थे। इसी दौरान रिश्वत की मुहिम की मालूमात पुलिस को मिली थी।