असलाह चोरी के इल्ज़ाम में स्पेशल ब्रांच के सिपाही और वज़ीर जयप्रकाश भाई पटेल के बॉडीगॉर्ड नवनीत तिवारी को पुलिस ने तीन दिन के रिमांड पर लिया है। पुलिस ने मंगल को उसे अदालत में पेश किया। साथ ही अदालत से सात दिन के रिमांड की मांग की। हालांकि अदालत ने नवनीत को तीन दिन के रिमांड पर ही देने का फैसला सुनाया। अदालत के हुक्म के बाद सदर थाना इंचार्ज हजारीबाग के जेपी केंद्रीय कारा गये। शाम करीब छह बजे पुलिस ने उसे रिमांड पर ले लिया। अदालत ने मामले से मुतल्लिक़ जानकारी हासिल करने के लिए नवनीत का नार्को टेस्ट कराने की इजाजत भी दे दी है। इसके लिए उसे अहमदाबाद ले जाया जायेगा।
खबर है कि असलाह चोरी मामले की लीपापोती करने की तैयारी कर ली गयी है। यह भी खबर है कि मामले में शामिल दूसरे लोगों को बचाने के लिए सारा इल्ज़ाम स्पेशल ब्रांच के सिपाही नवनीत तिवारी पर ही लगाया जायेगा। ज़राये के मुताबिक, नवनीत को तरह-तरह का लालच देकर इसके लिए तैयार कर लिया गया है। बताया जाता है कि इस पूरे मामले में एक नयी कहानी गढ़ी जायेगी, जिसके मुताबिक नवनीत यह बयान देगा कि उसकी पिस्तौल खो गयी थी। गोलियों को उसने कहीं फेंक दी। दोनों एके-47 की उसी ने चोरी की थी। बाद में दोनों हथियार को उसने पास में ही गाड़ दिया था, जिसे बरामद करवाया। इस पूरी वाकिया में कोई दूसरा सख्स शामिल नहीं है। बताया जाता है कि फिलहाल इस कहानी को सामने लाने के बाद उठनेवाले सवालों को लेकर पुलिस खदशा है।
इस वजह से दो दिसंबर को नवनीत को जेल भेज दिया, पर उसका बयान अदालत को नहीं सौंपा गया। असलाह की चोरी 23 नवंबर की रात हुई थी। 25 नवंबर को पुलिस ने नवनीत को हिरासत में लिया था। उसकी ही निशानदेही पर पुलिस ने 30 नवंबर को दो एके -47 और 150 गोलियां बरामद की थी। पर गिरफ्तारी के बाद उसके बयान को दर्ज नहीं किया गया। पुलिस को इस बात की खदशा है कि मामले ने ज़्यादा तूल पकड़ा, पुलिस के खिलाफ सवाल उठने लगे और मामले की जांच किसी दूसरी एजेंसी के पास चली गयी, तो आगे मुश्किल होगी।