पुलिस की नाएहली ने बेक़सूर शख़्स को जेल पहुंचा दिया था

हुकूमत तेलंगाना एक तरफ़ पुलिस फ़ोर्स को इंतिहाई असरी तर्ज़ पर तैयार करने का मंसूबा बना रही है लेकिन दूसरी तरफ़ पुलिस की ना अहली और उसकी बे अमली का वाज़िह सबूत सामने आया है।

मीरपेट पुलिस ने बेक़सूर अफ़राद को एक झूटे क़त्ल के मुक़द्दमा में माख़ूज़ करते हुए जेल भेज दिया लेकिन ये हक़ीक़त सामने आई है कि वो बेक़सूर थे और सारा क़सूर पुलिस का ही थी जिस ने ग़ैर ज़रूरी तौर पर उन्हें जेल पहुंचा दिया है।

तफ़सीलात के बमूजब 01 जुलाई को मुहम्मद अब्दुह लहा जी नामी शख़्स ने मीरपेट पुलिस से एक शिकायत दर्ज करवाई थी जिस में ये बताया था कि ना मालूम शख़्स की लाश जलालगुड़ा वेलेज मीरपेट में मौजूद है जिस पर मीरपेट पुलिस कार्रवाई करते हुए लाश का पोस्टमार्टम करवाया और मक़्तूल की शिनाख़्त टी जंगया की हैसियत से की जो नारायणपूरम मंडल ज़िला रंगारेड्डी का मुतवत्तिन था।

जंगीया क़त्ल केस में इन्सपेक्टर मीरपेट पी सिरीधर रेड्डी ने तीन अफ़राद कुत्तापली रमेश , टी रमेश और मरे बाका राजू को अचानक गिरफ़्तार करलिया। उन पर ये इल्ज़ाम आइद किया कि उन्होंने ही जंगया का क़त्ल किया है।

दूसरी तरफ़ इबराहीमपटनम पुलिस ने ना मालूम शख़्स के क़त्ल से मुताल्लिक़ एक मुक़द्दमा दर्ज किया था और मक़्तूल की शिनाख़्त के अभीमनेव साकन मधानी टाउनशिप कंचनबाग़ की हैसियत से की। इस केस में इबराहीमपटनम पुलिस ने छः क़ातिल राकेश कुमार ,जी रग्घू चारी ,एम लक्ष्मण नाविक ,शेवा निंदा ,वि साई तेजा और कमसाला कट्टू को गिरफ़्तार करलिया और उनके क़बजे से मक़्तूल की अशीया बिशमोल अँगूठी भी बरामद करली। डिप्टी कमिशनर पुलिस एल्बीनगर ज़ोन पी विश्वा प्रसाद ने मीरपेट क़त्ल केस वाक़िये की तहक़ीक़ात मुश्तबा होने पर एक ख़ुसूसी टीम तशकील दी और क़त्ल केस की तहक़ीक़ात की ज़िम्मेदारी सौंपी।

ख़ुसूसी टीम ने जंगया क़त्ल केस में गिरफ़्तार तीन मुल्ज़िमीन से पूछताछ की जिस में हैरतअंगेज़ इन्किशाफ़ हुआ कि उन्हें बेजा तौर पर क़त्ल केस में माख़ूज़ किया गया था जबकि इबराहीमपटनम पुलिस की तरफ से गिरफ़्तार चार क़ातिलों ने अपने इक़बालिया बयान में बताया था कि उन्होंने ही जंगया का क़त्ल किया है।

इस सनसनीखेज़ इन्किशाफ़ के बाद कमिशनर पुलिस साइबर सी वि आनंद ने वाक़्ये की मुकम्मिल तहक़ीक़ात का हुक्म दिया था जिस में मीरपेट पुलिस इन्सपेक्टर की लापरवाही मंज़रे आम पर आई।

मीरपेट पुलिस को ये हिदायत दी गई हैके वो फ़ौरी अदालत में एक दरख़ास्त दाख़िल करते हुए बेजा तौर पर गिरफ़्तार मुल्ज़िमीन की रिहाई के इक़दामात करें और उनके ख़िलाफ़ दर्ज करदा मुक़द्दमा से दसतबरदारी इख़तियार करें। बताया जाता हैके मीरपेट इन्सपेक्टर पी सिरीधर रेड्डी के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।