जुर्म रुक नहीं रहे। आवाम महफूज नहीं है। कब कौन लुट जाये, कब किसके घर में चोरी हो जाये, कहा नहीं जा सकता। ख़वातीन जेवर पहन कर नहीं निकल रहीं। थानों में दर्ज जुर्म के अदाद व शुमार को देखें, तो सिर्फ दो माह में कत्ल, लूट, चोरी की कुल 448 वारदात हुईं। इनमें अगस्त माह के तीन-चार दिनों के अदाद व शुमार नहीं हैं, जिसमें लाखों की लूट हुई है। अब पुलिस कहती है, आवाम मदद करे। वैसे वजीरे आला हेमंत सोरेन ने पीर को दारुल हुकूमत की गिरती कानून-नेज़ाम पर बैठक बुलायी है।
बाइकर्स गिरोह का दहशत
दारुल हुकूमत में जून माह में 17 कत्ल, 86 चोरी, 96 गाड़ी चोरी, 32 लूट और चार डकैती के मामले दर्ज हुए। जुलाई में 15 कत्ल, 72 चोरी, 88 गाड़ी चोरी, 35 लूट और दो डकैती की वारदात हुईं। जुलाई में दो डकैती की वाक़िया का अब तक खुलासा नहीं हुआ है। शहर में झपटमार गिरोह (बाइकर्स गिरोह) का दहशत है। यह गिरोह तकरीबन हर दिन चेन, पर्स और रुपयों की लूट की कम से कम दो वारदातों को अंजाम दे रहा है। यह गिरोह दो माह में तकरीबन 70 वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।
रात में सायरन बजा कर घूमती है पुलिस
कानून-नेज़ाम पर नजर रखने के लिए पुलिस ने पेट्रोलिंग दस्ते तैनात किये हैं। कुछ इलाकों में रात में पेट्रोलिंग होती है, पर पुलिस सायरन बजा कर घूमती है। लोग कहते हैं : सायरन बजा कर घूमने से क्या चोर पकड़ में आयेंगे?
एसपी-डीएसपी के ओहदे इंचार्ज के भरोसे
सिटी और देही एसपी के ओहदे का इंचार्ज के भरोसे चल रहा है। सिटी एसपी लंबी छुट्टी पर हैं, जबकि देही एसपी का तबादला हो चुका है। देही एसपी के इंचार्ज में खुद सीनियर एसपी हैं, जबकि ट्रैफिक एसपी को सिटी एसपी का इंचार्ज दिया गया है। डीएसपी सदर और कोतवाली के ओहदे भी इंचार्ज पर ही चल रहा है। डीएसपी सदर का इंचार्ज सिल्ली के डीएसपी आनंद जोसेफ तिग्गा को है, जबकि डीएसपी कोतवाली का इंचार्ज टाउन डीएसपी पीएन सिंह को है।
क्या कहती है पुलिस
जुर्म कंट्रोल के लिए पुराने गैंग के जेल से बाहर निकलने और उनके कारनामों पर नजर रखने की जरूरत है। जितनी वारदातें बढ़ी हैं और वारदातों को अंजाम देने के तरीके से मालूम होता है कि शातिर मुजरिम ही शामिल हैं।
– राजीव रंजन सिंह, सिटी शरीक ट्रैफिक एसपी
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