पुलिस के ख़ानगी टाइपिस्ट के हाथों आला अफ़्सर की बीवी का क़त्ल

अंबरपेट पुलिस ने 25 दिन पहले पुरासरार तौर पर लापता होने वाली शादीशुदा ख़ातून के क़त्ल का मअम्ला हल करते हुए इस के क़त्ल में शामि पुलिस स्टेशन के एक ख़ानगी टाइपिस्ट को गिरफ़्तार करलिया।

40 साला सुनीता साकन अंबरपेट 16 जून को अपने मकान से पुरासरार तौर पर लापता होगई थी और पुलिस की तरफ से मुसलसिल तलाश करने के बावजूद इस का पता ना चल सका।

पुलिस ने सुनीता के अचानक लापता होने पर इस का क़त्ल होने के शुबा के ज़ावीया में तहक़ीक़ात का आग़ाज़ किया था। तफ़सीलात के बमूजब अंबरपेट पुलिस ने मक़्तूला सुनीता के मोबाईल फ़ोन के तफ़सीलात (काल हिस्ट्री) हासिल की जिस में पुलिस को कुछ ख़ास सुराग़ नहीं मिला लेकिन सनअतनगर पुलिस स्टेशन के लैंड लाईन नंबर से सुनीता के मोबाईल फ़ोन पर काल मौसूल होने पर हैरतज़दा होगए और इस सिलसिले में तफ़सीली तहक़ीक़ात का फ़ैसला किया।

तहक़ीक़ात में अंबरपेट पुलिस को ये पता चला कि सुनीता को अतापुर के साकन जगन्नाथ नायडू जो पुलिस स्टेशन का ख़ानगी टाइपिस्ट है ने फ़ोन किया था।

पुलिस ने नायडू को फ़ौरी हिरासत में लेकर उसकी तफ़तीश की जिस में इस ने सुनीता के क़त्ल केस से मुताल्लिक़ सनसनीखेज़ इन्किशाफ़ात किया।

बावसूक़ ज़राए ने बताया कि सुनीता और जगन्नाथ नायडू के दरमयान पिछ्ले 4 माह से नाजायज़ ताल्लुक़ात क़ायम होगए थे और सुनीता उसे अक्सर अपनी ख़ाहिशात की तकमील के लिए इसरार कररही थी वर्ना इस के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की धमकी दी थी।

सुनीता की तरफ से मुसलसिल हरासाँ किए जाने पर जगन्नाथ नायडू ने 16 जून को अतापुर में वाक़्ये अपने मकान में उसे फांसी दे कर क़त्ल कर दिया और बादअज़ां इस के जिस्म के तकड़े करके अतापुर ब्रिज से मूसानदी में फेंक दिया।

इस इन्किशाफ़ के बाद अंबरपेट पुलिस फ़ौरी हरकत में आगई और सुबह अतापुर ब्रिज के क़रीब पहूंच कर सुनीता की लाश के तकड़ों की तलाश शुरू करदी और इसी दौरान पुलिस को तीन थैले बरामद हुए जिस में इस के लाश के तकड़े मौजूद थे।

लेकिन पुलिस को मक़्तूला का सर हनूज़ बरामद नहीं होसका। अंबरपेट पुलिस मक़्तूला के जिस्म के दुसरे तकड़ों की तलाश कररही है और तहक़ीक़ात जारी है।