पुलिस फायरिंग में 3 दलितों की हत्या

अहमदाबाद: गुजरात जिले सुरेन्द्र नगर का थनगडह 3 दलित युवकों की गोलीबारी की घटना में मौत के 4 साल बाद राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन करने का फैसला किया है। सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि दलित नेताओं की नतिनदगयों पर मुख्यमंत्री विजय रोपानी ने एसआईटी का गठन करने का फैसला किया है।

गृहमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा के हवाले से बताया गया है कि दलित नेताओं सहित कैबिनेट मंत्री आत्मा राम परमार, पूर्व मंत्री रमन लाल ोरा और राज्यसभा सदस्य शंभू प्रसाद कोंडे ने इस ख़सूस में मुख्यमंत्री से प्रतिनिधित्व किया था। सरकार ने यह भी फैसला किया है कि उक्त मामले की आजलाना यकसूई के लिए विशेष अदालत का गठन और विशेष लोक पुरासक्योटर की नियुक्ति प्रक्रिया में लाया जाए। जबकि मृतकों के वारिसों को अधिक 2 लाख रुपये का मुआवजा भी भुगतान किया जाएगा।

गौरतलब है कि थनगडह पुलिस फायरिंग की घटना हाल ऊन टान में दलितों की पिटाई के विवाद के बाद फिर से उठाया गया है जबकि दलित अयता चारपडकर समिति के बैनर तले अहमदाबाद ताकि ओना निकाली गई एक रैली में दलित नेताओं ने थनगड फायरिंग के पीड़ितों से न्याय की मांग। पीड़ितों ने भी इस मांग पर अहमदाबाद में भूख हड़ताल की थी। जिले सुरेन्द्र नगर थनगड टाउन में 22 और 23 सित‌म्बर 2012 की रात 3 दलित युवकों पंकज शोमेर, प्रकाश परमार और मीहोल राथोड़ के समय पुलिस फायरिंग में मारे गए जबकि दलितों और ओबीसी भरवाड समुदाय के बीच संघर्ष पर काबू पाने और भीड़ फैलाने के लिए फायरिंग कर दी गई।

आज जबकि इस घटना की जांच के बाद एक रिपोर्ट सरकार को पेश की गई लेकिन अब तक सामने नहीं लाई गई।