एक साल क़ब्ल एक बड़े धरने और एहतेजाज की क़ियादत करने वाले अल्लामा ताहिरुल क़ादरी ने कहा है कि अब उनकी तमाम तर तवज्जा सिर्फ़ मज़हब की तरवीज पर है। ताहम दरुस्त वक़्त पर वो अपना इन्क़िलाब दोबारा शुरू करने के लिए तैयार रहेंगे।
ताहिरुल क़ादरी 2013 में भी इस्लामाबाद में एहतेजाजी मुज़ाहरा कर चुके हैं, जब उन्होंने मुल्क को हक़ीक़ी माअनों में एक सियासी और फ़लाही रियासत बनाने के मुतालिबात के साथ इस्लामाबाद के ब्लू एरिया में हज़ारहा हामीयों के साथ धरना दिया था।
ताहम उस वक़्त पीपुल्स पार्टी की हुकूमत के साथ मुज़ाकरात के बाद उन्होंने ये एहतेजाज ख़त्म कर दिया था। 14 अगस्त 2014 को शुरू होने वाले धरने और एहतेजाज के दौरान ताहम कादरी और पाकिस्तान तहरीके इंसाफ़ के धरने के दौरान मुज़ाहिरीन और पुलिस के दरमयान झड़पें भी हुईं जिसके बाद ख़तरा पैदा हो गया था कि वज़ीरे आज़म नवाज़ शरीफ़ की हुकूमत ख़त्म हो सकती है ताहम सितंबर में ताहिरुल क़ादरी धरना ख़त्म करने का ऐलान करते हुए ख़ुद ईलाज के लिए मुल्क से बाहर चले गए थे।
इस के बाद वो एक बार फिर ख़ामोशी के साथ पाकिस्तान लौटे और रमज़ान के आख़िरी अशरे में एतिकाफ़ की क़ियादत की जिसमें उनके हज़ारहा मानने वालों ने शिरकत की।