साबिक़ नायब वज़ीर सुशील मोदी ने वजीरे आला जीतन राम मांझी की लंदन सफर पर कहा कि लगता है कि पूरी हुकूमत ही लंदन चली गयी है। बिहार का कोई माई-बाप ही नहीं है। चीफ़ सेक्रेटरी, वजीरे आला के प्रिन्सिपल सेक्रेटरी सब के सब चले गये हैं। बिहार में कोई मसला आयी, तो मुश्किल होगा।
किसी अफसर ने दूसरों को चार्ज भी नहीं दिया है। मोदी ने कहा कि कम-से-कम चीफ़ सेक्रेटरी को रहना ही चाहिए था। उन्होंने कहा कि वे वहां से अस्पताल खोलनेवालों को बुलाने गये हैं। गुजिशता सात साल में अपोलो समेत कई कंपनियों ने बिहार में अस्पताल के लिए जमीन मांगी, लेकिन हुकूमत दे ही नहीं सकी। उन्होंने कहा कि अगर वे सरमायाकारी के लिए ही गये हैं, तो इससे बेहतर होता कि मुल्क के ही बड़े शहरों में जाते। ज़्यादा सरमायाकार मिलते।