शाहनवाज़ अंसारी,पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया जिले के दो प्रखंड में गैर सरकारी संस्था बाल सखा के बचपन कार्यक्रम द्वारा बच्चों के पलायन, बाल मजदूरी, बाल विवाह तथा असुरक्षित विवाह में कमी लाने के लिए जागरूकता अभियान चलायी जा रही है. इस के साथ साथ 6 गाँव के 60 परिवारों को जीविकोपार्जन में मदद के लिए प्रायोगिक तौर पर देशी मुर्गी पालन के लिए आर्थिक एवं तकनिकी सहायता प्रदान की गई, जिनसे वैसे परिवारों की हालात में सुधार हो जो गरीबी के कारण अपने कम उम्र के बच्चों को काम के लिए बाहर भेज देते हैं या कम उम्र में असुरक्षित विवाह कर देते हैं. साथ ही बचपन कार्यक्रम के तहत 6 गाँव के 8 (VRC) तथा 6 विद्यालयों में बच्चों के लिए खेल सामग्री प्रदान किया गया, ताकि बच्चों के मानसिक विकास के साथ साथ शिक्षा के प्रति उत्सुकता बढ़े.
जिला कार्यक्रम समन्वयक नितेश कुमार ने 3 दिसंबर से 10 दिसंबर के बीच दोनों प्रखंड कसबा तथा जलालगढ़ के 6 गाँव में खेल सामग्री का वितरण करवाया. जिसमे 8 ‘वीआरसी’ (ग्रामीण संसाधन केंद्र), तथा 6 विद्यालयों में बच्चों के लिए खेल सामग्री प्रदान किया गया. जिससे बच्चों को खेल के माध्यम से शिक्षा के प्रति ध्यान बढ़ाने तथा बाल मजदूरी और असुरक्षित विवाह को रोकने की प्रयास की जा रही है. इस कार्यक्रम से गाँव के लोगों में हर्षो उल्लास है. वहीँ बेगमपुर गाँव में मुखिया राजू मंडल द्वारा वीआरसी के समिति सदस्य तथा प्राथमिक विद्यालय बेगमपुर के प्रधान शिक्षक की उपस्थिति में विद्यालय समिति को बचपन की ओर से खेल सामग्री दिया गया. इसी प्रकार दुसरे कई गांवों में खेल सामग्री वितरित किया गया.
उल्लेखनीय है कि बाल सखा एक गैर सरकारी संस्था है जो सीआरएस (कैथोलिक रिलीफ सर्विस) के साथ मिलकर पूर्णिया जिला के दोनों प्रखंड में बचपन कार्यक्रम के तहत पिछले तीन वर्षों से ग्रामीण लोगों को लगातार जागरूक करने का प्रयास कर रही है. जिसका उददेश्य है, चौदह वर्ष से कम आयु वर्ग के लड़कों का काम के नाम पर बाहर जाने (पलायन) में कमी लाना तथा 18 वर्ष से कम आयु वर्ग की लड़कियों की असुरक्षित विवाह में कमी लाना.