पूर्व गवर्नर आरबीआई की नई किताब,नोटों की रद्दीकरण का खुलासा

नई दिल्ली: पूर्व आरबीआई गवर्नर रघूराम राजन ने अपनी नई किताब में खुलासा किया है कि उन्होंने कभी भी नोटों की रद्दीकरण का समर्थन नहीं किया और सरकार‌ को चेतावनी दी थी कि 86 फ़ीसद नक़द रक़म बाज़ार से वापिस लेने के नतीजे में अर्थव्यवस्था को सख़्त नुक़्सान पहुँचेगा।

उनके इस बयान से इस अचानक कदम की योजना करने के दावओं का इनकार किया जाता है। बयान में कहा गया था कि ये क़दम‌ कई माहीनों से लंबित था और इसका ऐलान 8 नवंबर 2016 को किया गया था।

उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि इस क़दम‌ के नतीजे में वैश्विक आर्थिक संकट पैदा हो जाएगा। वो 4 सितंबर 2013 से 4 सितंबर 2016 तक आर बीआई के गवर्नर रह चुके हैं। उन्होंने अपनी किताब में कहा कि वो सरकार‌ को एक नोट हवाले कर चुके हैं जिसमें नोटों की रद्दीकरण के फायदे और संभावित नुकसान का विश्लेषण किया गया था।