अर्द्धसैनिक रेंजर ने शुक्रवार को अनवर मजीद, पूर्व आसिफ अली जरदारी के करीबी सहायक के कार्यालय और घर में छापा मारा और उनका नाम आतंकवादी कानून के विरोध में दर्ज कर लिया गया। इसी दिन पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के चेयरपर्सन आसिफ अली जरदारी अपना खुद का लागू किये हुए 18 महीने के देश से बाहर रहने के संकल्प से वापस लौटे हैं।
राजनैतिक विश्लेषज्ञ के अनुसार अनवर मजीद के कार्यालय और घर पर छापा ज़रदारी के पहुंचने के कुछ ही घण्टे बाद मारा गया। ज़रदारी के दूसरे करीबी सहायक पूर्व पेटोल मंत्री और बिज़नेसमैन डॉ. आसिम हुसैन पहले से ही भृष्टाचार के केस और आतंकवादियों के मदद करने के केस में जेल में क़ैद हैं।
राजनैतिक विश्लेषज्ञ निगार जाफ़री का कहना है कि ज़रदारी के देश में आगमन के बाद ही रेंजर का छापा मारना दर्शाता है कि शक्तिशाली पक्ष नहीं चाहता की ज़रदारी देश में रहे।दूसरे विश्लेषज्ञों का मानना है कि ऐसे बहुत से केस है जिनमे ज़रदारी के करीबी सहायक दोषी हैं और कुछ लोग भृष्टाचार इत्यादि के जुर्म में हिरासत में है। तो यह मूल रूप से उनके लिए संदेश है कि वापस दुबई चले जाये।
हालाँकि ज़रदारी क़ैद-ए-आज़म मोहम्मद अली जिन्नाह के जन्मदिन पर उनके मकबरे पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे तो काफी शांत और पुरसुकून नज़र आये। ज़रदारी ने मीडिया से कहा कि हाँ, अनवर मजीद मेरा दोस्त है लेकिन रेंजर ने छापा क्यू मारा यह आप भीतरी मंत्री से पूछे।