‘पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स को GST के दायरे में लाने पर केंद्र करे घाटे की भरपाई’

राज्य सरकारें पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के अंतर्गत लाने का विरोध कर रही हैं। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के अंतर्गत लाने का सुझाव दिया था। राज्यों का कहना है कि पेट्रोलियम उत्पादों के जीएसटी के अंतर्गत आने के बाद उनके रिवेन्यू पर असर पड़ेगा। राज्य और केंद्र के टैक्स को मिलाकर डीजल और पेट्रोल पर ग्राहक 100 फीसदी से ज्यादा टैक्स देता है।

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रिफाईनिंग के बाद एक लीटर पेट्रोल की कीमत 29.53 रुपये होती है, वहीं एक लीटर डीजल की कीमत 29.12 रुपये होती है। केंद्र पेट्रोल पर 21.14 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से टैक्स वसूलता है। वहीं डीजल पर 17.33 रुपये प्रति लीटर वसूलता है। इसके अलावा राज्य इस पर 20 से लेकर 47 फीसदी तक वैट वसूलते हैं।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सुझाव दिया था कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए। धर्मेंद्र ने कहा था कि, हमने सभी राज्यों की फाइनैंस मिनिस्ट्रीज से अपील की है कि वह पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लेकर आएं।