पेड न्यूज़ को इंतेख़ाबी जुर्म क़रार देने इलेक्शन कमीशन की ख़ाहिश

पेड न्यूज़ की लानत को महसूस करते हुए इलेक्शन कमीशन ने हुकूमत को तजवीज़ पेश की है कि उसे एक इंतेख़ाबी जुर्म क़रार दिया जाये। चाहे उम्मीदवारों के अख़राजात पर निगरानी के ज़रीये इस से निमटना जारी रखा जाये। लोक सभा इंतेख़ाबात के प्रोग्राम का एलान करने के लिए एक प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब करते हुए चीफ़ इलेक्शन कमिशनर वे एस संपत ने कहा कि पेड न्यूज़ के 3 पहलू हैं, अख़बारात, बर्क़ी ज़राए इबलाग़ और उम्मीदवारों के अख़राजात।

उन्होंने कहा कि चूँकि (पेड न्यूज़ से निमटने) कोई क़ानून मौजूद नहीं है इस लिए इलेक्शन कमीशन ने विज़ारत क़ानून को एक तजवीज़ पेश की है कि उसे इंतेख़ाबी जुर्म क़रार दिया जाये। उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन इस लानत से उम्मीदवारों के अख़राजात पर गहिरी निगरानी रखते हुए निमटने की कोशिश करेगा।

उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन के इख़तेयार में जो कुछ है वो किया जा रहा है। हम रियासती और ज़िलई कमेटीयों की निगरानी कररहे हैं। हम ने मुताल्लिक़ा उम्मीदवारों के अख़राजात के अकाउंट में ख़र्च का इज़ाफ़ा कर दिया है। अख़बारात में पेड न्यूज़ के बारे में शिकायत पर उन्होंने कहा कि तमाम मामलात प्रेस काउंसल आफ़ इंडिया के सुपुर्द किए जा रहे हैं।

जहां तक बर्क़ी ज़राए इबलाग़ में पेड न्यूज़ के बारे में शिकायात का सवाल है, ज़्यादा तर वाक़ियात क़ौमी नशरियाती एसोसीएशन‌ को सपुर्द किए जा चुके हैं। ओपीनियन पोल‌ पर रोक‌ आइद करने के मुतालिबात के बारे में सवाल का जवाब देते हुए चीफ़ इलेक्शन कमिशनर ने कहा कि इस का फ़ैसला करना पार्लियामेंट की ज़िम्मेदारी है।

उन्हें क़ानूनसाज़ी का इख़तेयार हासिल है। हमें जो भी इख़्तयारात हासिल हैं उन्हें इस्तेमाल करने में हम कभी नहीं हिचकिचाते लेकिन ओपीनियन पोल‌ के मसले से अरकान मुक़न्निना को निमटना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओपीनियन पोल‌ पर इन्तेबा आइद करने का मसला 2004 से नजरअंदाज़ किया जा रहा है।

नए चीफ़ इलेक्शन कमिशनर ने कहा कि 2004 में उन पर इन्तेबा की तजवीज़ पेश की गई थी लेकिन सिर्फ़ एग्ज़िट पोल‌ पर इन्तेबा आइद किया गया। इंतेख़ाबी कमीशन ने तजवीज़ पेश की है कि ओपीनियन पोल‌ के नताइज की इशाअत और नशरियात पर इंतेख़ाबी आलामीया जारी किए जाने के बाद लोक सभा और रियासती असेम्बलीयों के लिए राय दही का आख़िरी मरहला मुकम्मल होने तक उन पर इन्तेबा आइद किया जाये।

अटार्नी जनरल जी ई वाहनवती जिन से विज़ारते क़ानून ने नुक़्ता-ए-नज़र जानना चाहा था, इस तजवीज़ की ताईद में हैं। वाहनवती ने कहा कि इलेक्शन कमीशन ने बिलकुल दुरुस्त निशानदेही की है। आज़ादाना और मुंसिफ़ाना इंतेख़ाबात की ज़रूरत अहम तरीन है।