पेन किलर अदवियात का कभी कभार इस्तेमाल से जलदी कैंसर का ख़तरा

पेन किलर का कभी कभी इस्तेमाल जल्दी कैंसर के इमकानात दर्द ख़त्म करने वाली अदवियात मसलन एस्प्रीन और ब्रूफेन वग़ैरा का ज़्यादा मिक़दार में इस्तेमाल करने वालों के मुक़ाबले में इन अदवियात का कभी कभार इस्तेमाल करने वाले अफ़राद में जल्द के कैंसर में मुबतला होने के ज़्यादा इम्कानात होते हैं।

डेनमार्क में शाय ( प्रकाशित) होने वाली तहक़ीक़ के मुताबिक़ 18 हज़ार अफ़राद पर तजुर्बा के नतीजा में अख़ज़ ( प्राप्त) किया गया कि तवील अर्सा तक नोसटराईडल ऐन्टी इन्फ्लेमेट्री ड्रग्स (एन एस ए आई डी एस) का इस्तेमाल जल्द के कैंसर बिशमोल ख़तरनाक मीलानोमा से बचाओ का ज़रीया है।

तहक़ीक़ ( अनुस‍ंधान) करने वालों का कहना है कि इन दवाओं के इस्तेमाल से गुर्दे के कैंसर और ख़ून आने के इम्कानात बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन अदवियात के सही नफ़ा नुक़्सान को परखने के लिए मज़ीद तहक़ीक़ (शोध) की ज़रूरत है। उन्होंने इसका भी एतराफ़ किया कि उन्हें तहक़ीक़ की कुछ पाबंदीयों का सामना भी रहा है जबकि उनके पास जिल्द के कैंसर दीगर ( और भी) दूसरे इम्कानात बिशमोल ओवर वाइलट लाईट का सामना करने के बारे में मालूमात नहीं हैं।

इसके इलावा वो डेनमार्क के तमाम केसेस इसमें शामिल नहीं किए गये। इस सिलसिले में मज़ीद काम करने की ज़रूरत है ।जोहान्ज़ डोनर और उन की टीम ने 18 हज़ार अफ़राद का रिकार्ड चेक किया जिन को जल्द का कैंसर की दोनों मीलातोमा और कम ख़तरनाक इक़साम के मरीज़ शामिल थे।

उन्होंने इन केसेस का दीगर 10 हम उम्र और हमजिंस अफ़राद के साथ जिन्हें कैंसर नहीं था के साथ मौज़ा ना किया और उन के दवाईयों के ज़ेर-ए-इस्तेमाल नुस्ख़ों के कई साला रिकार्ड का भी जायज़ा लिया। कैंसर से मुतास्सिर ( पीड़ित) ना होने वाले 38 फ़ीसद अफ़राद एन एस ए आई डी इसके दो मुकम्मल नुस्खे़ इस्तेमाल कर चुके थे जो लोग एस्प्रीन, ब्रूफेन और दीगर एन एस ए आई डी एस के इस्तेमाल के आदी थे में मीलानोमा के इम्कानात 13 फ़ीसद ( %) कम थे उन के मुक़ाबले में जो इन अदवियात का कम इस्तेमाल करते हैं।