पेपर मुल्ज़ि के मज़दूरों की हड़ताल जारी

काग़ज़नगर की सरपुर पेपर मिल्स बंद होकर तीन माह से ज़ाइद का अर्सा गुज़र चुका लेकिन फैक्ट्री की इंतेज़ामीया टस से मस नहीं होरही है फैक्ट्री के मज़दूरों को ना जने दे रही है और ना ही मरने दी रही है। एसे हालात में मज़दूर और स्टाफ़ ना उम्मीद होचुके हनी फैक्ट्री की कुशादगी की कोई उम्मीद नज़र नहीं आती।

दूसरी तरफ़ काग़ज़नगर की लारी ओनर्स वेलफेयर एसोसीएशन के अराकीन की बड़ी हालत है। उनकी ज़िंदगी का दार-ओ-मदार इस फैक्ट्री पर मुनहसिर था। वो लारियों के ज़रीये कोयला लक्कड़ी और दुसरे काम्प्लेक्स फ़राहम करते थे फैक्ट्री के बंद होजाने से उनके चूल्हे जलना मुश्किल होगया है।

काग़ज़ नगर लारी ओनर्स वेलिफ़ीर एसोसी उष्ण के अराकीन ने इज़हार यगानगत किया और एक दिन के लिए फ़ियाक्टरी के मज़दूरों की ज़ंजीरी भूक हड़ताल में शरीक रहे। इस मौक़ा पर जनाब मुहम्मद आसिफ़ सैक्रेटरी लारी ओनर्स वेलिफ़ीर एसोसीएशन् ने नामा निगारों को बताया कि फैक्ट्री बंद होजाने से लारी एसोसीएशन का कारुबार भी मुतास्सिर हुआ।

रोज़ाना लारियां किराये पर चलती थीं वो खड़ी हुई हैं चंद लारियां फाइनैंस वालों ने माहाना क़िस्त अदा ना करने पर ज़बत करलीं। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री के मज़दूरों के साथ साथ लारी ओनर्स वेलफेयर एसोसीएशन के अराकीन की भी जान पर बन आय है।

फैक्ट्री बंद होजाने से काग़ज़नगर की मार्किट का भी बुरा हाल है। कोई भी दुकान वाला फैक्ट्री के मज़दूरों को उधार देने को तैयार नहीं है। अगर इसी तरह फैक्ट्री बंद रही तो काग़ज़नगर वीरान होजाएगा और पहले की तरह कोतापेट देहात बन जाएगा